बिहार जमीन सर्वे 2025: अब घर-घर जाएंगे अमीन!

पटना: बिहार में जमीन सर्वेक्षण (भूमि सर्वे) का कार्य जोरों पर है, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में लोग इससे वंचित हैं। ऐसे में सरकार ने अब सख्त रुख अपनाते हुए अमीनों को गांव-गांव भेजने का निर्णय लिया है। जो लोग अब तक आवेदन नहीं कर पाए हैं, उन्हें अब अमीन खोजेंगे। यदि फिर भी संबंधित व्यक्ति नहीं मिलते हैं, तो उनके पूर्वजों के नाम पर खतियान तैयार किया जाएगा।

बिहार के 1300 राजस्व ग्रामों में भूमि सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है, जिसमें कुल 13 लाख 85 हजार 842 जमाबंदी और 15 लाख 75 हजार 314 खेसरा की पहचान की गई है। इसके बावजूद अब तक केवल 4 लाख 15 हजार 719 लोगों ने ही आवेदन दिया है।

बंदोबस्त पदाधिकारी ने जानकारी दी कि अब तक ज्यादातर मौजा के खतियान को अपलोड किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि सभी शिविर प्रभारियों को अगले आदेश तक ऑफलाइन आवेदन लेने का निर्देश दिया गया है। साथ ही जिले से बाहर रह रहे लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए अंतिम तिथि को बढ़ाकर अगले महीने तक कर दिया गया है।

सरकारी अमीन करेंगे सर्वेक्षण में भागीदारी की जांच

जिन लोगों ने अब तक आवेदन नहीं किया है, उनकी पहचान अब सरकारी अमीन करेंगे। अमीन ग्राम स्तर पर जाकर ऐसे लोगों से संपर्क करेंगे और उन्हें आवेदन के लिए प्रेरित करेंगे। अगर कोई नहीं मिलता, तो उनके पुश्तैनी रिकॉर्ड के आधार पर खतियान तैयार किया जाएगा।

सरकार ने सभी अंचलों के शिविर प्रभारियों को लोगों तक सूचना पहुंचाने के लिए विभिन्न माध्यमों से अपील करने का निर्देश दिया है। यह कदम तब उठाया गया है जब तक सभी लोगों का आवेदन पूरा न हो जाये, ताकि जमीन रैयत को किसी तरह की परेशानी न हो।

जमीन मालिकों को चेतावनी: समय रहते करें आवेदन

सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो लोग अभी भी लापरवाही बरत रहे हैं, उन्हें बाद में भूमि दस्तावेज़ों से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए जमीन मालिकों को सलाह दी गई है कि वे समय रहते ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करें, ताकि उनके नाम पर खतियान तैयार हो सके।

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