बिहार में जमीन सर्वेक्षण को लेकर 6 आदेश जारी!

पटना: बिहार सरकार ने भूमि सुधार और जमीन से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए एक व्यापक सर्वेक्षण अभियान की शुरुआत की है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य है भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करना, विवादों का समाधान करना और जमीन के मालिकाना हक को स्पष्ट करना।

यह अभियान "बिहार भूमि सर्वे एवं बंदोबस्त जागरूकता अभियान श्रृंखला-2" के तहत चलाया जा रहा है, जिसे छह चरणों में विभाजित किया गया है। आइए जानते हैं इन छह चरणों में क्या-क्या किया जाएगा, ताकि जमीन मालिकों को किसी तरह की दिक्कत न हो।

1 .पहला चरण: जमीन की सूचना

अभियान की शुरुआत जमीन के बारे में जानकारी इकट्ठा करने से होती है। हर जमीन मालिक को प्रपत्र-2 भरना अनिवार्य है, जिसमें उन्हें अपनी जमीन की पूरी जानकारी देनी होगी। अमीन पुराने खतियानों और दस्तावेजों की मदद से विवरणों की जांच करेंगे। यह चरण रिकॉर्ड को सही करने और जमीनी हकीकत से मेल कराने की नींव रखता है।

2 .दूसरा चरण: नक्शा बनाना

दूसरे चरण में ज़मीन की भौगोलिक स्थिति को समझने के लिए नक्शा तैयार किया जाता है। जमीन की सीमाएं और खेसरा नंबर के आधार पर नक्शा बनाया जाएगा। इससे यह तय होगा कि किस जमीन का आकार और स्थिति क्या है।

3 .तीसरा चरण: दावों का पंजीकरण

तीसरे चरण में जमीन के मालिकों द्वारा किए गए दावों को दर्ज किया जाएगा। नक्शे और पुराने रिकॉर्ड्स की मदद से यह निर्धारित किया जाएगा कि किस खेसरा का असली मालिक कौन है। दस्तावेजों की जांच के बाद ही दावों को दर्ज किया जाएगा ताकि भविष्य में विवाद न हों।

4 .चौथा चरण: आपत्तियों का निवारण

इस चरण में लोग अपनी आपत्तियाँ दर्ज करा सकते हैं। यदि किसी को किसी दावे या नक्शे पर आपत्ति है तो उसे दर्ज करने का मौका मिलेगा। अधिकारी संबंधित पक्षों को सुनेंगे और आपत्तियों का समाधान करेंगे।

5 .पांचवां चरण: रिकॉर्ड प्रकाशन और लगान निर्धारण

इस चरण में सभी अद्यतन रिकॉर्ड्स को सार्वजनिक किया जाएगा। हर जमीन पर कितना लगान लगेगा, इसका निर्धारण किया जाएगा। मालिकों को जमीन का अधिकार पत्र और बंदोबस्त से जुड़ी जानकारियाँ दी जाएंगी।

6 .छठा चरण: अंतिम आपत्ति समाधान और बंदोबस्त की पुष्टि

अगर अंतिम चरण में भी किसी प्रकार की आपत्ति आती है तो उसकी सुनवाई होगी। अधिकारी पूरी प्रक्रिया की समीक्षा करेंगे और किसी लंबित विवाद का निपटारा किया जाएगा। इसके बाद जमीन का रिकॉर्ड फाइनल रूप में बंदोबस्त किया जाएगा।

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