राज्य सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अनुसार, यह सर्वे अभियान भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के मकसद से चलाया जा रहा है। अभियान के तहत रैयतों से प्रपत्र-दो में अपनी जमीन से संबंधित जानकारी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से मांगी जा रही है।
क्या है प्रपत्र-दो?
प्रपत्र-दो एक स्वघोषणा फॉर्म है, जिसमें रैयतों को अपनी भूमि का विवरण स्वयं भरकर देना होता है। इसमें जमीन का क्षेत्रफल, स्वामित्व की स्थिति, उपयोग, सीमांकन आदि जानकारी शामिल होती है। यह जानकारी बाद में सर्वेक्षण टीम द्वारा सत्यापित की जाएगी और डिजिटली रिकॉर्ड की जाएगी।
ऑनलाइन और ऑफलाइन सुविधा
राज्य सरकार ने डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम बढ़ाते हुए यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी उपलब्ध कराई है। रैयत ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। वहीं जिनके पास डिजिटल सुविधा नहीं है, वे अपने अंचल कार्यालय या पंचायत भवन से फॉर्म लेकर ऑफलाइन जमा कर सकते हैं।
किन दस्तावेजों की है होगी जरूरत?
स्वघोषणा फॉर्म के साथ निम्न दस्तावेज अनिवार्य रूप से संलग्न करने होंगे: जमीन से संबंधित रसीद या दस्तावेज़, आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र, यदि विरासत का मामला है तो वारिस प्रमाणपत्र, भूमि कर भुगतान की रसीद आदि की जरूरत होगी।
जमीनी हकीकत: लोग अब भी कतार में
अंचल कार्यालयों और पंचायत भवनों के बाहर अब भी बड़ी संख्या में रैयत स्वघोषणा फॉर्म लेकर दस्तावेज जमा करने आ रहे हैं। कई ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें फॉर्म भरने में सहायता की जरूरत पड़ रही है, लेकिन सरकार द्वारा लगाए गए शिविरों से उन्हें काफी मदद मिली है।
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