बिहार भूमि सर्वे 2025: भूमिहीनों के लिए नई योजना!

पटना। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि प्रदेश के भूमिहीन व्यक्तियों को सरकार एक लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी, जिससे वे अपनी ज़मीन खरीद सकें। यह कदम राज्य सरकार की भूमिहीनों के कल्याण के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है।

भूमिहीनों के लिए बड़ी राहत

पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री संजय सरावगी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा भूमिहीनों के सर्वेक्षण का काम तेज़ी से चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक 1,24,000 भूमिहीन व्यक्तियों को चिह्नित किया जा चुका है और उनकी मदद के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम किया जा रहा है।

सरावगी ने कहा, "जिन भी व्यक्तियों के पास भूमि नहीं है, उन्हें या तो राज्य सरकार की तरफ से जमीन दी जाएगी या फिर एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी ताकि वे अपनी भूमि खरीद सकें।" इस कदम से भूमिहीनों को न केवल अपने जीवनस्तर को सुधारने का अवसर मिलेगा, बल्कि राज्य सरकार की भूमि वितरण नीति भी अधिक प्रभावी होगी।

भूमि सर्वेक्षण अभियान पर जोर

मंत्री सरावगी ने यह भी बताया कि प्रदेश में भूमि सर्वेक्षण अभियान जारी है, जिसके तहत प्रत्येक पंचायत में भूमि की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण से राज्य सरकार को यह जानकारी मिलेगी कि किसे कितनी जमीन दी गई है और किनके पास कोई भूमि नहीं है।

सरावगी ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि इस सर्वेक्षण कार्य में किसी भी अधिकारी द्वारा कोताही बरती जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यह अभियान पारदर्शी और प्रभावी तरीके से चले ताकि भूमिहीनों को उनका अधिकार मिल सके। 

कितनी जमीन मिलेगी और कब शुरू होगी प्रक्रिया?

मंत्री ने यह नहीं बताया कि प्रत्येक भूमिहीन व्यक्ति को कितनी जमीन मिलेगी, लेकिन उनकी योजना के तहत उन्हें जमीन खरीदने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही, भूमि वितरण और सहायता राशि की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।

सरकार के इस कदम से न केवल भूमिहीन व्यक्तियों को ज़मीन मिल सकेगी, बल्कि कृषि और आर्थिक विकास के लिए भी एक सकारात्मक असर डालेगा। भूमिहीन व्यक्तियों को अपनी ज़मीन प्राप्त होने से वे अपनी आजीविका को बेहतर तरीके से चला सकेंगे और समाज में एक समान आर्थिक स्थिति का निर्माण होगा।

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