वर्षों से चल रही थी मांग
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में विभिन्न विभागों में वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मचारी लगातार महंगाई और खर्चों में वृद्धि के चलते आर्थिक दबाव महसूस कर रहे थे। इसके चलते उन्होंने कई बार वेतन में संशोधन की मांग उठाई, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया था।
कर्मचारी संघ की सक्रिय भूमिका
विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह और महामंत्री रमेश यादव ने कई दौर की बैठकों में यह बात जोर-शोर से रखी कि महंगाई के इस दौर में पुराने वेतनमान पर कर्मचारियों से बेहतर कार्य की अपेक्षा करना असंवेदनशीलता होगी। उनकी लगातार कोशिशों का ही परिणाम है कि प्रशासन ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया।
प्रशासन की सकारात्मक पहल
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने इस मामले को कार्य परिषद की बैठक में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद परिषद ने यह निर्णय लिया कि कर्मचारियों की मांग न्यायोचित है और इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए। इसके बाद कुलसचिव महेंद्र कुमार द्वारा वेतन वृद्धि का आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया।
कर्मचारियों में उत्साह और आभार
वेतन में वृद्धि की खबर सुनकर संविदा कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। कर्मचारी संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि इस निर्णय से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और वे और अधिक समर्पण और ऊर्जा के साथ अपने कार्यों का निष्पादन करेंगे।
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