इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में जाति के आधार पर बने भेदभाव को कम करना और दलित समुदाय के लोगों को मुख्यधारा में लाना है। यह स्कीम उन दंपत्तियों के लिए है, जिनमें से एक पक्ष अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) से हो, और दूसरा सामान्य (General) या अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से।
योजना की मुख्य शर्तें और लाभ
सहायता राशि: ₹2.5 लाख
स्थान: केवल बिहार के स्थायी निवासियों के लिए
शादी की मान्यता: विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
संयुक्त बैंक खाता: दंपत्ति के नाम से ज्वाइंट अकाउंट अनिवार्य
उम्र सीमा: लड़की की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष होनी चाहिए
आवेदन की समय सीमा: विवाह के एक वर्ष के भीतर आवेदन करना आवश्यक
किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी?
इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको विवाह रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, दोनों पक्षों का जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, संयुक्त बैंक खाता विवरण, मोबाइल नंबर आदि की जरूरत होगी।
आवेदन प्रक्रिया क्या है?
सबसे पहले सामाजिक कल्याण विभाग, बिहार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। वहां से अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का आवेदन पत्र डाउनलोड करें। फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी भरें और जरूरी दस्तावेज संलग्न करें। पूरा फॉर्म संबंधित सामाजिक कल्याण विभाग के कार्यालय में जमा करें।
सरकार की सोच
यह योजना एक क्रांतिकारी कदम है, जो जातिवाद की जड़ों को कमजोर करने की दिशा में उठाया गया है। राज्य सरकार का मानना है कि जब दो अलग जातियों के लोग आपसी समझ और प्रेम से साथ आते हैं, तो समाज में एक सकारात्मक बदलाव आता है। इस स्कीम से ना सिर्फ आर्थिक मदद मिलती है बल्कि सामाजिक स्वीकार्यता भी बढ़ती है।
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