बिहार में भूमि सर्वे की स्वघोषणा अभी भी चालू, भरें फार्म!

पटना: बिहार में भूमि सर्वे के लिए स्वघोषणा की प्रक्रिया अभी भी जारी है। राज्य सरकार द्वारा पहले इसके लिए 31 मार्च 2025 की अंतिम तारीख तय की गई थी, लेकिन समयसीमा समाप्त होने के बावजूद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से लोगों से अपील की जा रही है कि वे जल्द से जल्द स्वघोषणा फॉर्म भरें और अपनी जमीन का ब्यौरा दें।

सरकार की ओर से स्वघोषणा की प्रक्रिया को लेकर कोई आधिकारिक विस्तार या नई तारीख घोषित नहीं की गई है, लेकिन सर्वे शिविरों और विभागीय पोर्टल पर फॉर्म भरने का सिलसिला अब भी जारी है। यह जमीन मालिकों के लिए एक और अवसर है कि वे बिना किसी परेशानी के अपने भू-स्वामित्व की जानकारी विभाग को दें।

31 मार्च तक 1.15 करोड़ से ज्यादा स्वघोषणाएं प्राप्त

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च तक कुल 1,15,00,916 स्वघोषणाएं प्राप्त की जा चुकी थीं। इसमें शिविरों में रैयतों द्वारा ऑफलाइन तरीके से जमा किए गए फॉर्म और वेबसाइट पर ऑनलाइन जमा की गई घोषणाएं शामिल हैं। यह आंकड़ा राज्य भर में चल रहे व्यापक भूमि सर्वेक्षण अभियान की सफलता को दर्शाता है।

445 अंचलों में सर्वे जारी, आंकड़े में और बढ़ोतरी संभव

भूमि सर्वे के दूसरे चरण में शामिल 36 जिलों के 445 अंचलों में अब भी रैयत स्वघोषणा जमा कर रहे हैं। विभाग के अनुसार, इस दौरान स्वघोषणाओं की संख्या में और वृद्धि हुई है, हालांकि ताजा आंकड़ा अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि जैसे-जैसे लोगों को प्रक्रिया के बारे में जानकारी मिल रही है, वैसे-वैसे भागीदारी बढ़ रही है।

अब भी है मौका, देर न करें

राजस्व विभाग की अपील है कि जिन जमीन मालिकों ने अब तक स्वघोषणा नहीं की है, वे जल्द से जल्द फॉर्म भरें। इससे न केवल उनके भूमि अधिकार सुरक्षित होंगे, बल्कि भविष्य में किसी भी कानूनी या प्रशासनिक परेशानी से बचा जा सकेगा।

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