ब्लड कैंसर के 3 मुख्य प्रकार
1 .ल्यूकेमिया (Leukemia): यह प्रकार व्हाइट ब्लड सेल्स को प्रभावित करता है। ल्यूकेमिया में शरीर असामान्य श्वेत रक्त कोशिकाएं बनाता है, जो सामान्य कोशिकाओं के काम में बाधा डालती हैं। यह बच्चों और वयस्कों दोनों में पाया जा सकता है।
2 .लिम्फोमा (Lymphoma): यह लिम्फैटिक सिस्टम से शुरू होता है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का अहम हिस्सा है। इसमें लिम्फ नोड्स में कैंसर कोशिकाएं बनने लगती हैं। दो मुख्य प्रकार हैं — हॉजकिन लिम्फोमा और नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा।
3 .मायलोमा (Myeloma): इसे मल्टीपल मायलोमा भी कहते हैं। यह प्लाज़्मा सेल्स को प्रभावित करता है जो एंटीबॉडी बनाते हैं। इससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है।
ब्लड कैंसर के 6 शुरुआती लक्षण, जिन्हें नज़रअंदाज़ न करें।
1 .लगातार थकान और कमजोरी: जब शरीर में स्वस्थ ब्लड सेल्स की संख्या घटती है, तो थकान आम हो जाती है, भले ही आप ज्यादा मेहनत न कर रहे हों।
2 .बिना कारण बुखार या बार-बार संक्रमण होना: इम्यून सिस्टम कमजोर होने से बार-बार बीमार पड़ना एक बड़ा संकेत हो सकता है।
3 .वजन का तेजी से घटना: अचानक बिना डाइट या एक्सरसाइज के वजन घटना, शरीर में किसी गंभीर समस्या का इशारा हो सकता है।
4 .सूजे हुए लिम्फ नोड्स या पेट में सूजन: विशेषकर गर्दन, बगल या जांघों में गांठें महसूस होना चिंताजनक हो सकता है।
5 .त्वचा पर आसानी से चोट लगना या बार-बार नकसीर आना: प्लेटलेट्स की कमी से खून का थक्का ठीक से नहीं बन पाता, जिससे बार-बार ब्लीडिंग होती है।
6 .हड्डियों में दर्द या जोड़ों में परेशानी: खासकर मायलोमा में यह आम लक्षण होता है, जहां अस्थियों में दर्द महसूस होता है। ऐसी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह आवश्य लेनी चाहिए।
0 comments:
Post a Comment