यूपी में इन श्रमिकों को मिलेगा फ्री इलाज की सुविधा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लाखों असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अब राज्य के लगभग पांच लाख गिग वर्कर्स को फ्री इलाज और सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलने जा रहा है। केंद्र सरकार की पहल पर इन वर्कर्स को ई-लेबर कार्ड जारी किए जा रहे हैं, जिससे उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।

क्या है गिग वर्क और कौन हैं गिग वर्कर्स?

गिग इकॉनमी के तहत वे कामगार आते हैं जो किसी एक नियत संस्था में स्थायी कर्मचारी न होकर, किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सेवाएं प्रदान करते हैं। इनमें कैब ड्राइवर, डिलीवरी ब्वॉय, ई-कॉमर्स डिलीवरी एजेंट्स, ऑनलाइन ट्यूटर, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स, ट्रैवल एजेंट्स, और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स शामिल हैं।

इन वर्कर्स को काम का पारिश्रमिक तो मिलता है, लेकिन पारंपरिक कर्मचारी जैसे लाभ – जैसे पीएफ, मेडिकल इंश्योरेंस, पेंशन – नहीं मिलते थे। अब केंद्र और राज्य सरकार इस असंतुलन को दूर करने के लिए एक बड़ा कदम उठा रही हैं।

ई-लेबर कार्ड और इसके लाभ

सरकार द्वारा शुरू किए गए इस अभियान में गिग वर्कर्स का ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर उन्हें ई-लेबर कार्ड प्रदान किया जा रहा है। इसके माध्यम से उन्हें कई तरह के लाभ दिए जाएंगे: आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज। सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में समावेश। भविष्य में बीमा और पेंशन योजनाओं का लाभ। आकस्मिक दुर्घटना या अपंगता की स्थिति में आर्थिक सहायता। 

गिग वर्कर्स की श्रेणियाँ और उनके नियोक्ता

1 .राइड शेयरिंग सर्विसेस: ओला, उबर, क्विक राइड आदि

2 .फूड एंड लॉजिस्टिक डिलीवरी: जोमैटो, स्विगी, ब्लिंकिट, बिग बास्केट

3 .लॉजिस्टिक सर्विसेस: एक्सप्रेसबीस, एक्सप्रेस लॉजिस्टिक

4 .ई-मार्केटप्लेस: अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, मिंत्रा

5 .प्रोफेशनल सर्विसेस: अर्बन कंपनी, ज़ेरोधा, बायजूस

6 .हेल्थकेयर: नायका, मेडलाइफ, प्रोस्टो

7 .ट्रैवल एंड हॉस्पिटैलिटी: रेडबस, मेक माय ट्रिप, गोइबो

8 .कंटेंट और मीडिया सर्विसेस: यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम क्रिएटर्स

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