ड्राफ्ट के मुताबिक, आंगनबाड़ी और प्री-स्कूल में तीन वर्ष से छह वर्ष तक की आयु के बच्चे नामांकित होंगे। इसके बाद बच्चे पहली एवं दूसरी कक्षा में प्रवेश करेंगे, जिसे प्रारंभिक शिक्षा का हिस्सा माना गया है। तीसरी से पांचवीं कक्षा की पढ़ाई नौ से 11 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रस्तावित की गई है, जिसे बुनियादी शिक्षा के अगले स्तर के रूप में देखा जा रहा है।
राज्य सरकार के अनुसार, इस नई व्यवस्था से बच्चों की सीखने की क्षमता में सुधार होगा और उन्हें स्कूल के वातावरण में अधिक व्यवस्थित तरीके से ढालने में मदद मिलेगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और शिक्षकों को भी इस नए शेड्यूल के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत की जा रही है, जिसमें प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECEC) पर विशेष जोर दिया गया है।
समय सारणी कुछ इस प्रकार होगी:
प्रवेश समय: सुबह 9:30 बजे
विद्यालय समापन: दोपहर 1:30 बजे
अनुशासन सत्र: सुबह 9:30 से 9:50 (20 मिनट)
सर्कल टाइम (गीत, कविता, बातचीत): 9:50 से 10:35 (45 मिनट)
स्नैक टाइम: 10:35 से 10:50 (15 मिनट)
आर्ट, क्राफ्ट, खेलकूद: 10:50 से 11:35 (45 मिनट)
साक्षरता, भाषा, अंक ज्ञान: 11:35 से 12:20 (45 मिनट)
भोजन समय: 12:20 से 12:50 (30 मिनट)
कार्य गतिविधियाँ: 12:50 से 1:25 (35 मिनट)
समापन: 1:25 से 1:30 (5 मिनट)
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