इस प्रस्तावित बदलाव के तहत अब उप कुलसचिव (डिप्टी रजिस्ट्रार) को प्रमोट करके कुलसचिव बनाया जाएगा। फिलहाल, नियमों के मुताबिक कुलसचिव के 50 प्रतिशत पद पदोन्नति और बाकी 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती के जरिए, यानी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से, भरे जाते हैं।
इस नियम में संशोधन के लिए शासन ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता विशेष सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, गिरिजेश कुमार त्यागी कर रहे हैं। अन्य सदस्यों में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज, प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय प्रयागराज के कुलसचिव संजय कुमार, और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी के कुलसचिव विनय सिंह शामिल हैं।
उच्च शिक्षा अनुभाग-एक के संयुक्त सचिव प्रेम कुमार पांडेय की ओर से 9 अप्रैल को जारी आदेश में समिति को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक स्थायित्व बढ़ेगा और अनुभवी अधिकारियों को उच्च पदों पर कार्य करने का अवसर मिलेगा। हालांकि, इससे सीधी भर्ती के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए अवसर सीमित हो सकते हैं, जिस पर आने वाले समय में चर्चा और विमर्श की संभावना है।
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