यूपी के 75 जिलों में स्कूल खोलने के नियम बदले!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में शिक्षा के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 के प्रस्तावित मसौदे के जरिए अब स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय खोलना पहले की तुलना में कहीं अधिक आसान हो जाएगा। नए नियमों में सड़क की चौड़ाई और भूखंड के न्यूनतम क्षेत्रफल से जुड़े मानकों में ढील दी गई है, जिससे राज्य में तेजी से शिक्षण संस्थानों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है।

अब कम चौड़ी सड़क और छोटे भूखंड पर भी स्कूल खोलना संभव

अब तक के नियमों के अनुसार नर्सरी और प्राइमरी स्कूल केवल 12 मीटर चौड़ी सड़क पर ही खोले जा सकते थे। लेकिन नई उपविधि के लागू होने के बाद अब सिर्फ 9 मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित 500 वर्गमीटर भूखंड पर भी नर्सरी स्कूल खोला जा सकेगा। वहीं 1000 वर्गमीटर के भूखंड पर प्राइमरी स्कूल और 2000 वर्गमीटर पर इंटर कॉलेज की स्थापना की जा सकेगी।

कॉलेज और विश्वविद्यालय खोलने के लिए क्या हैं नए मानक?

उत्तर प्रदेश में डिग्री कॉलेज और तकनीकी संस्थानों के लिए अब 5000 वर्गमीटर भूखंड की जरूरत होगी, जो 18 मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित होना चाहिए। विश्वविद्यालय खोलने के लिए 20000 वर्गमीटर का भूखंड और 24 मीटर चौड़ी सड़क अनिवार्य होगी। आवासीय भूखंडों पर भी अब 25% ग्राउंड कवरेज तक क्रेच (Creche) खोला जा सकेगा।

स्कूल बसों और ट्रैफिक जाम के लिए नया प्रावधान

स्कूलों के बाहर अक्सर लगने वाले ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए अब स्कूल परिसर में ही पिक एंड ड्रॉप ज़ोन और बस पार्किंग की व्यवस्था अनिवार्य कर दी गई है। इससे न केवल सड़क पर यातायात सुगम रहेगा, बल्कि बच्चों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

खेल मैदान और अन्य सुविधाएं अनिवार्य

हालांकि, प्रस्तावित उपविधि में खेल के मैदान जैसी बुनियादी सुविधाओं को अनिवार्य रखा गया है। भूखंड के आकार और मानकों का निर्धारण यूपी बोर्ड व अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के दिशानिर्देशों के अनुरूप किया गया है। इन व्यावहारिक बदलावों से शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच बढ़ेगी।

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