नोएडा प्राधिकरण को इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा दरें तय करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जैसे ही जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा होगा, लेआउट प्लान और निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सरकार ने इस नए शहर को दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (DNGIR) नाम दिया है। यह क्षेत्र 209.11 वर्ग किलोमीटर यानी लगभग 20,911 हेक्टेयर में फैला होगा। प्रोजेक्ट को चार चरणों में पूरा किया जाएगा और इसका मास्टर प्लान दिल्ली स्थित स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA) द्वारा तैयार किया गया है। इस मास्टर प्लान को शासन ने अक्टूबर 2024 में ही मंजूरी दे दी थी।
क्या होगा खास?
नए नोएडा को एक आधुनिक, टिकाऊ और औद्योगिक रूप से सक्षम शहर के तौर पर बसाया जाएगा। इसमें आईटी पार्क, औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय कॉलोनियां, ग्रीन बेल्ट, शैक्षिक संस्थान और स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल होंगी। इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश का "ग्रोथ इंजन" माना जा रहा है, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
स्थानीय लोगों के लिए मुआवजा
80 गांवों की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। अधिकारियों का दावा है कि भूमि अधिग्रहण पारदर्शी ढंग से किया जाएगा और प्रभावित लोगों को हरसंभव सुविधा व पुनर्वास का लाभ मिलेगा।
बेहतर कनेक्टिविटी का भी होगा ध्यान
नए शहर को नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली और गाजियाबाद से जोड़ने के लिए अत्याधुनिक सड़कें, मेट्रो रूट्स और अन्य ट्रांसपोर्ट नेटवर्क विकसित किए जाएंगे, जिससे यह शहर निवेशकों और आम जनता के लिए और भी आकर्षक बन सके।
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