बिहार के स्कूलों में अब बिना आधार कार्ड के होगा एडमिशन!

पटना: बिहार सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक अहम फैसला लेते हुए सरकारी स्कूलों में कक्षा एक में दाखिले को लेकर आधार कार्ड की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। अब बच्चों के पास आधार कार्ड न होने पर भी उनका स्कूल में नामांकन हो सकेगा। इस निर्णय से राज्य के लगभग 2.70 लाख बच्चों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है, खासकर उन बच्चों को जो अब तक जरूरी दस्तावेजों की कमी के कारण स्कूल से वंचित रह जा रहे थे।

राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए नए आदेशों के अनुसार, नामांकन के समय अब बच्चे के माता-पिता में से किसी एक का आधार कार्ड दिखाना पर्याप्त होगा। इसके बाद स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षा विभाग के अधिकारी बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र और आधार कार्ड बनवाने में सहयोग करेंगे।

ग्रामीण बच्चों के लिए राहत की खबर

बता दें की जून 2024 में सरकार द्वारा बिना आधार कार्ड के नामांकन पर रोक लगा दी गई थी, जिसके कारण खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में भारी संकट खड़ा हो गया था। कई बच्चों के पास न तो जन्म प्रमाणपत्र थे और न ही आधार कार्ड बनवाना आसान था। इससे नामांकन दर में गिरावट देखने को मिली थी। अब इस फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को स्कूल में दाखिले में बड़ी राहत मिलेगी।

अब नहीं लगेगी 75% उपस्थिति की शर्त

सरकार ने एक और बड़ा बदलाव करते हुए छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, पोशाक, साइकिल और मिड डे मील जैसी सरकारी योजनाओं के लिए 75% उपस्थिति की शर्त को भी हटा दिया है। इससे राज्यभर के लगभग 10 लाख छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा। पहले उपस्थिति कम होने के कारण कई छात्रों को इन योजनाओं से वंचित रहना पड़ता था।

हर 6 साल के बच्चे का होगा नामांकन

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि राज्य में "नामांकन पखवाड़ा" की शुरुआत की गई है। इसके तहत हर जिले के शिक्षा पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि सभी 6 साल के बच्चों का स्कूलों में 100% नामांकन कराया जाए। दस्तावेजों की कमी की स्थिति में स्कूल प्रधान और शिक्षा अधिकारी अभिभावकों को आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे।

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