यूपी के स्कूलों में होगी शिक्षकों के 9043 पदों पर भर्ती

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की बड़ी संख्या में भर्ती की तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया अब राजकीय विद्यालयों की चयन नियमावली के अनुसार की जाएगी। इससे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और शैक्षिक योग्यता को लेकर लंबे समय से चल रहे विवादों पर भी विराम लगेगा।

एकरूपता लाने की पहल

अब तक सहायता प्राप्त विद्यालयों और राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति अलग-अलग नियमावलियों के आधार पर होती रही है, जिससे भ्रम और विवाद की स्थिति बनी रहती थी। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है कि टीजीटी-पीजीटी की जगह अब एलटी ग्रेड और प्रवक्ता नियमावली के अनुसार चयन किया जाए। यह बदलाव 1921 के इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम के अंतर्गत आने वाले शिक्षण संस्थानों में भर्ती प्रक्रिया को सुचारू बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

9043 पदों पर होगी सीधी भर्ती

प्रदेश के 2460 राजकीय हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में 7385 सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) और 1658 प्रवक्ताओं के कुल 9043 पदों पर सीधी भर्ती की जाएगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) को इन रिक्तियों की जानकारी भेज दी गई है और जल्द ही भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी। इनमें से 7385 सहायक अध्यापकों में 2525 पद महिलाओं के लिए और 4860 पद पुरुषों के लिए आरक्षित हैं।

सहायता प्राप्त स्कूलों में भी भर्ती

सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में भी शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया की जा रही है। नवगठित माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग के माध्यम से टीजीटी के 3539 और पीजीटी के 624 यानी कुल 4163 पदों पर भर्ती परीक्षा कराई जाएगी। यह आयोग जल्द ही भर्ती प्रक्रिया की रूपरेखा जारी करेगा।

शिक्षकों की कमी होगी दूर

इस व्यापक भर्ती अभियान से प्रदेश के हजारों स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी। इससे न केवल शैक्षणिक स्तर में सुधार होगा, बल्कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिल सकेगी। लंबे समय से बेरोजगार शिक्षकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है।

0 comments:

Post a Comment