क्या है योजना का उद्देश्य?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण के साथ-साथ सिंचाई की आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देना है। आज भी देश के कई हिस्सों में सिंचाई के लिए पारंपरिक तरीकों का प्रयोग होता है, जिसमें पानी की काफी बर्बादी होती है। ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम से न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि फसल की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होती है।
कितनी मिल रही है सब्सिडी?
उत्तर प्रदेश के उद्यान विभाग की तरफ से किसानों को ड्रिप व मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर 65% से लेकर 90% तक की सब्सिडी दी जा रही है। लघु और सीमांत किसान इन्हें 90% तक का अनुदान दिया जा रहा है। जबकि अन्य श्रेणी के किसान उन्हें भी 65% से अधिक की सब्सिडी का लाभ मिल रहा है।
इस योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
किसान भाई इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपने जिले के उद्यान विभाग में संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार की कृषि एवं उद्यान संबंधी पोर्टल्स पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। आवेदन के साथ जरूरी दस्तावेज जैसे जमीन का पट्टा, पहचान पत्र, बैंक पासबुक आदि जमा करने होते हैं।
योजना के लाभ:
1 .पानी की बचत – ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम से सिंचाई करते वक्त पानी की बर्बादी नहीं होती।
2 .उत्पादन में वृद्धि – फसलों को जरूरत के अनुसार पानी मिलने से गुणवत्ता बेहतर होती है।
3 .कम लागत, अधिक मुनाफा – अनुदान की वजह से सिंचाई संयंत्र की लागत काफी कम हो जाती है।
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