बिहार में होटल खोलने पर ग्रांट देगी नीतीश सरकार

पटना: बिहार सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है। पर्यटन नीति 2023 में संशोधन करते हुए अब सरकार ने छोटे शहरों और अनुमंडल स्तर पर भी होटल निर्माण के लिए पूंजीगत अनुदान देने का निर्णय लिया है। यह फैसला राज्य में पर्यटन अधोसंरचना को मजबूती देने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने के दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है।

क्या है संशोधित नीति का मुख्य बिंदु?

पहले की नीति में केवल उन्हीं निवेशकों को अनुदान का लाभ मिलता था जो चार सितारा (Four Star) या उससे ऊपर की श्रेणी के होटल में न्यूनतम 10 करोड़ रुपये का निवेश करते थे। लेकिन अब नई नीति के तहत: मात्र 5 करोड़ रुपये की लागत से दो सितारा (Two Star) होटल खोलने पर भी पूंजीगत अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान प्रमुख पर्यटन स्थलों को छोड़कर, अन्य जिला मुख्यालयों और अनुमंडल स्तर के क्षेत्रों में लागू होगा।

अन्य महत्वपूर्ण बदलाव:

पटना, गया-बोधगया, राजगीर-नालंदा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को छोड़कर बाकी जिला मुख्यालयों में अब: Three Star होटल के लिए न्यूनतम निवेश सीमा 7.5 करोड़ रुपये तय की गई है। अनुमंडल स्तर पर Two Star होटल खोलने के लिए 5 करोड़ रुपये का निवेश पर्याप्त होगा। SGST की प्रतिपूर्ति अब 5 साल से बढ़ाकर 7 साल तक की गई है, जिससे निवेशकों को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।

नई पर्यटन परियोजनाएं:

ESI और EPF में नियोक्ता अंशदान के लिए 3,000 रुपये प्रति कर्मचारी या कुल खर्च का 100% (जो भी कम हो) की प्रतिपूर्ति की जाएगी (केवल बिहार के निवासियों के लिए)। दिव्यांगजनों को रोजगार देने वाली परियोजनाओं को 1,500 रुपये प्रति कर्मचारी प्रति माह की अतिरिक्त सहायता मिलेगी।

निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर:

बिहार में होटल व्यवसाय से जुड़ने की चाह रखने वालों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। न केवल कम निवेश में सरकारी अनुदान मिलेगा, बल्कि टैक्स छूट, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में मदद और अन्य रियायतों से व्यवसाय की शुरुआत आसान हो जाएगी।

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