क्या है योजना?
सरकार की इस योजना का मकसद है - “हर बूंद से ज्यादा फसल” यानी "Per Drop More Crop"। इस योजना के अंतर्गत टपक (ड्रिप) और फवारा (स्प्रिंकलर) सिंचाई यंत्र किसानों को सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह तकनीक खासतौर पर पानी की बचत के लिए बेहद कारगर है।
कैसे करता है काम?
यह यंत्र खेतों की फसलों की जड़ों तक सीधा पानी पहुंचाता है। इससे एक ओर जहां पानी की बर्बादी नहीं होती, वहीं दूसरी ओर फालतू खरपतवार (घास-फूस) भी नहीं उगते। नतीजतन किसानों को कम मेहनत में ज्यादा उत्पादन मिलता है और फसलों की सेहत भी बनी रहती है।
कौन कर सकता है आवेदन?
अमेठी जिले के उद्यान निरीक्षक प्रमोद कुमार यादव के अनुसार, इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ आवेदन कर सकते हैं: आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, खतौनी (भूमि दस्तावेज़), मोबाइल नंबर आदि।
कैसे मिलेगा फायदा?
टपक और फवारा सिंचाई यंत्र लगाने से फसल को जरूरत के हिसाब से पानी मिलता है, जिससे जल की बचत होती है और खेती की लागत घटती है। सरकार की यह योजना खासकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। फिलहाल इस योजना के लिए फटाफट आवेदन करने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि अनुदान सीमित है और पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर ही वितरित किया जा रहा है।
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