भारत की नई मिसाइल से कांपा ड्रैगन, चीन की नींदें उड़ीं!

नई दिल्ली: भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाते हुए ब्रह्मोस-2 हाइपरसोनिक मिसाइल के विकास की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ा लिया है। यह मिसाइल इतनी तेज़ है कि दुश्मन को जवाब देने का समय भी नहीं मिल पाएगा। इसकी खबर सामने आते ही चीन की चिंता बढ़ गई है। एशिया में शक्ति संतुलन को लेकर विशेषज्ञों ने इसे गेम-चेंजर करार दिया है।

ब्रह्मोस-2: रफ्तार की नई परिभाषा

ब्रह्मोस-2 एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है। यह ब्रह्मोस मिसाइल श्रृंखला की दूसरी पीढ़ी है, जो अब तक की सबसे तेज़ क्रूज मिसाइलों में गिनी जाएगी।

मुख्य विशेषताएं:

1 .अत्यधिक गति: ब्रह्मोस-2 ध्वनि की गति से 7-8 गुना तेज, यानी लगभग 9,000 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकती है।

2 .लंबी मारक क्षमता: इसकी रेंज लगभग 1,500 किमी तक होगी, जो गहरे दुश्मन क्षेत्रों को भी निशाना बना सकेगी।

3 .स्क्रैमजेट इंजन: इस इंजन की मदद से मिसाइल न केवल तेज़ उड़ती है, बल्कि हवा में ग्लाइड भी कर सकती है – जिससे यह दुश्मन के रडार से बच निकलती है।

4 .मल्टी-प्लेटफॉर्म क्षमता: सबसे बड़ी बात यह हैं की ब्रह्मोस-2 को जमीन, समुद्र और हवा – तीनों माध्यमों से लॉन्च किया जा सकता है।

सामरिक सन्देश और रणनीतिक बढ़त

ब्रह्मोस-2 न केवल तकनीकी रूप से भारत को वैश्विक महाशक्तियों की कतार में खड़ा करता है, बल्कि इससे भारत को अपने पड़ोसियों, विशेषकर चीन के खिलाफ एक मजबूत रणनीतिक बढ़त भी मिलती है। इसकी घोषणा के तुरंत बाद चीनी मीडिया में इसकी चर्चा हो रही हैं।

0 comments:

Post a Comment