किन शहरों में खुलेंगे सखी निवास?
सखी निवास की शुरुआत प्रदेश के नौ बड़े जिलों लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा, बरेली, मेरठ, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में की जाएगी। इन जिलों का चयन उनकी जनसंख्या, शहरीकरण और महिला संबंधित मामलों की संख्या को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
यहां क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?
प्रत्येक सखी निवास केंद्र में 50 महिलाओं के रहने की व्यवस्था होगी। यहां निवास करने वाली महिलाओं को निम्नलिखित मुफ्त सुविधाएं दी जाएंगी: सुरक्षित आवास, पौष्टिक भोजन, वस्त्र और प्राथमिक चिकित्सा, मानसिक और कानूनी काउंसलिंग, पुलिस और प्रशासनिक मदद
कौशल विकास से आत्मनिर्भरता का रास्ता
सिर्फ शरण ही नहीं, बल्कि इन केंद्रों में रोजगारपरक प्रशिक्षण भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदान किए जाएंगे। इनमें सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर शिक्षा, ब्यूटी पार्लर का काम, हस्तशिल्प आदि शामिल हैं। सरकार का उद्देश्य है कि संकट से गुजर रहीं महिलाएं न केवल सुरक्षित महसूस करें, बल्कि भविष्य के लिए खुद को तैयार भी कर सकें।
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर करेंगे खर्च वहन
सखी निवास केंद्रों की स्थापना 60:40 के अनुपात में केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से की जा रही है। इससे पहले भी मिशन शक्ति के तहत वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन (1090), पुलिस हेल्प डेस्क जैसी सुविधाएं शुरू की जा चुकी हैं, जिनसे हजारों महिलाओं को मदद मिली है।
एक बड़ी पहल, एक नया विश्वास है 'सखी निवास'
'सखी निवास' की यह पहल न केवल महिलाओं को मुश्किल समय में संबल प्रदान करेगी, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति सोच में सकारात्मक बदलाव लाने में भी मददगार होगी। यह कदम महिलाओं को न केवल सुरक्षा बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी आगे बढ़ने का मौका देगा।
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