अमेरिका ने सबसे खतरनाक B-2 बॉम्बर से ईरान को घेरा

न्यूज डेस्क: वर्तमान में अमेरिका और ईरान के बीच तनाव एक नया मोड़ ले चुका है। अमेरिका ने अपने सबसे घातक और शक्तिशाली B-2 बॉम्बर को हिंद महासागर में स्थित डिएगो गार्सिया में तैनात किया है, जो ईरान के करीब 5,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जिससे अमेरिका ईरान पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, ताकि ईरान अपनी परमाणु नीति पर पुनर्विचार करे और एक नई परमाणु डील पर बातचीत शुरू करे।

B-2 बॉम्बर की ताकत

B-2 स्पिरिट बॉम्बर एक अज्ञेय (stealth) विमान है, जो दुश्मन के रडार से बचते हुए अत्यधिक विनाशकारी बम गिराने में सक्षम है। यह विमान अमेरिकी वायुसेना का एक अहम हिस्सा है और इसे लंबी दूरी की रणनीतिक बमबारी के लिए डिजाइन किया गया है। अमेरिका ने अपनी 30% B-2 बॉम्बर फ्लीट को डिएगो गार्सिया में तैनात किया है, जो इस बात का संकेत है कि वह युद्ध की स्थिति में जल्दी और प्रभावी रूप से प्रतिक्रिया करने के लिए तैयार है।

ट्रम्प की धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 30 मार्च को एक धमकी दी, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर ईरान अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील नहीं करता, तो उस पर बमबारी की जाएगी और अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाएंगे। ट्रम्प का यह बयान न केवल सैन्य दबाव का हिस्सा है, बल्कि यह ईरान पर आर्थिक और राजनीतिक दबाव डालने का भी एक तरीका है। इसके पूर्व, फरवरी 2025 में ट्रम्प ने कहा था कि वे ईरान के साथ युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर ईरान समझौते के लिए तैयार नहीं होता, तो अमेरिका को मजबूरन कठोर कदम उठाने होंगे। इसके बाद, 12 मार्च को ट्रम्प ने UAE के दूत के माध्यम से ईरान को एक पत्र भेजा, जिसमें चेतावनी दी गई कि यदि ईरान परमाणु हथियार बनाने से नहीं रुकता, तो अमेरिका कुछ भी कर सकता है।

ईरान की प्रतिक्रिया

ईरान ने अमेरिका की यह धमकी सख्त शब्दों में नकार दी है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा है कि ईरान अमेरिका के साथ कोई भी बातचीत नहीं करेगा जब तक अमेरिका अपनी 'प्रेशर पॉलिसी' को नहीं बदलता। ईरान का कहना है कि उन्हें अमेरिका की ओर से किसी प्रकार के दबाव को स्वीकार नहीं करना है, और वे अपनी स्वतंत्र नीतियों के तहत ही काम करेंगे। इसके अतिरिक्त, ईरान ने अपनी मिसाइलों और सैन्य उपकरणों को तैयार किया है, ताकि किसी भी संभावित हमले का जवाब दिया जा सके। ईरान की मिसाइल शक्ति खासतौर पर उसकी अंडरग्राउंड मिसाइल लॉन्चिंग सुविधाओं से जुड़ी है, जो उसे एक रणनीतिक फायदे का मौका देती है।

डिएगो गार्सिया: एक रणनीतिक सैन्य ठिकाना

डिएगो गार्सिया, जो ब्रिटेन के अधिकार में स्थित एक छोटा सा द्वीप है, रणनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यह स्थान हिंद महासागर में स्थित होने के कारण ईरान के लिए सीधे खतरे के दायरे में आता है। यहां अमेरिका का सैन्य बेस है, जहां से उसे मध्य-पूर्व और एशिया में अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करने में मदद मिलती है। 29 मार्च को अमेरिका के 'प्लैनेट लैब्स' द्वारा जारी सैटेलाइट चित्रों में यह देखा गया कि डिएगो गार्सिया में कम से कम चार B-52 बॉम्बर तैनात किए गए हैं। ये विमान लंबी दूरी की बमबारी में सक्षम हैं और किसी भी संभावित संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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