यूपी में वृद्धा पेंशन लेने वालों की घर-घर जांच शुरू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना में पारदर्शिता लाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य में पेंशन लाभ ले रहे वृद्धजनों का घर-घर जाकर सत्यापन कार्य शुरू कर दिया गया है। यह अभियान आगामी 25 मई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

सत्यापन का उद्देश्य

सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सिर्फ योग्य और जरूरतमंद वृद्धजनों को ही पेंशन का लाभ मिल सके। इस सत्यापन के ज़रिए ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी जो नियमों के तहत पेंशन पाने के पात्र हैं, जबकि अपात्र पाए जाने वालों की पेंशन को बंद कर दिया जाएगा।

कैसे हो रहा है सत्यापन?

सत्यापन प्रक्रिया के तहत संबंधित विभाग के अधिकारी घर-घर जाकर लाभार्थियों की जानकारी जुटा रहे हैं। इसमें आयु, आय और अन्य जरूरी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। यह कार्य पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ किया जा रहा है।

पात्रता का निर्धारण

बता दें की उत्तर प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन पाने के लिए व्यक्ति की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए और उसकी वार्षिक आय सरकारी तय सीमा से कम होनी चाहिए। इसके अलावा वह किसी अन्य सरकारी पेंशन योजना का लाभार्थी न हो।

क्या होगा सत्यापन के बाद?

सत्यापन पूरा होने के बाद, पात्र व्यक्तियों को पेंशन मिलती रहेगी। वहीं, जिन लोगों को अपात्र पाया जाएगा, उनकी पेंशन रोक दी जाएगी। सत्यापन के उपरांत तैयार की गई पात्र लाभार्थियों की नई सूची पोर्टल पर सार्वजनिक की जाएगी, ताकि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।

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