बिहार के डिग्री महाविद्यालयों में इंटर की पढ़ाई बंद!

पटना: बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत राज्य के सभी डिग्री महाविद्यालयों में 2025-27 शैक्षणिक सत्र से इंटरमीडिएट (11वीं और 12वीं) की पढ़ाई पूरी तरह से बंद कर दी गई है। यह कदम राज्य की शिक्षा व्यवस्था में एक बड़े बदलाव का प्रतीक है, और इससे छात्रों, शिक्षकों तथा शैक्षिक संस्थानों पर व्यापक प्रभाव पड़ने वाला है।

नए आदेश का उद्देश्य और पृष्ठभूमि

यह निर्णय बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया था, जब 2005 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) के अधीन इंटरमीडिएट शिक्षा का नियंत्रण स्थानांतरित किया गया था। इसके बाद, 2007 से यह नीति लागू करने की कोशिश की गई थी। अब, 2025-27 के शैक्षणिक सत्र से बिहार के सभी डिग्री महाविद्यालयों में इंटर की पढ़ाई समाप्त कर दी जाएगी। इसका मतलब यह होगा कि अब 11वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई सिर्फ उच्च माध्यमिक विद्यालयों और इंटरमीडिएट महाविद्यालयों में होगी।

महाविद्यालयों में इंटर की पढ़ाई बंद 

इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाना और शैक्षिक संस्थानों के कार्यों को विशिष्ट रूप से विभाजित करना है। इसके तहत, बिहार के 1,006 उच्च माध्यमिक विद्यालयों और इंटरमीडिएट महाविद्यालयों में 11वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई का संचालन होगा, जबकि डिग्री महाविद्यालयों में अब केवल स्नातक (UG) और स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रम चलेंगे।

विद्यार्थियों के लिए क्या प्रभाव?

इस बदलाव से छात्रों पर भी प्रभाव पड़ेगा। अब 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं का नामांकन केवल उच्च माध्यमिक विद्यालयों और इंटरमीडिएट महाविद्यालयों में होगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि छात्रों के लिए अलग-अलग शैक्षिक संस्थान प्रदान किए जाएंगे, जिससे उन्हें अधिक स्पष्टता और विशिष्टता मिलेगी। पहले के मुकाबले, अब शिक्षा का स्तर और विभागीय संचालन अधिक व्यवस्थित होगा। इस बदलाव का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इससे डिग्री महाविद्यालयों पर शैक्षिक बोझ कम होगा, जिससे वे अपने स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

0 comments:

Post a Comment