धार्मिक स्थलों को मिलेगा नया रूप
अब तक अयोध्या, काशी, मथुरा और विंध्यधाम जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों का विकास प्राथमिकता में रहा है, लेकिन इन बड़े तीर्थों के प्रभाव में अब आसपास के छोटे तीर्थस्थलों पर भी श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ‘छोटे धाम’ विकास योजना की नींव रखी है।
किन शहरों और स्थलों पर होगा काम?
प्रस्तावित विकास कार्यों में शामिल कुछ प्रमुख स्थल निम्नलिखित हैं: सीतापुर – नैमिषारण्य, बलरामपुर – देवीपाटन, कानपुर – भीतरगांव मंदिर, सहारनपुर – शाकंभरी देवी मंदिर, बांदा – बामदेवेश्वर मंदिर, गाजीपुर (गहमर) – मां कामाख्या देवी मंदिर, बाराबंकी – महादेवा मंदिर। इन स्थलों के आसपास की नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार प्रस्ताव तैयार करें।
विकास कार्यों में क्या-क्या होगा शामिल?
इन धार्मिक स्थलों पर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को आधुनिक और स्वच्छ सुविधाएं मुहैया कराने के लिए निम्नलिखित कार्य कराए जाएंगे: सड़कों और गलियों का चौड़ीकरण एवं मरम्मत, नालियों और सीवरेज व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण, पार्कों और विश्राम स्थलों का निर्माण, बेहतर रोशनी, पेयजल, सार्वजनिक शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं, धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए विशेष योजनाएं
अमृत-दो और अन्य योजनाओं से आएगा फंड
नगर विकास विभाग द्वारा यह कार्य अमृत-दो और अन्य शहरी विकास योजनाओं के तहत कराया जाएगा। इसके लिए निकायों को प्रस्ताव बनाकर अपने बोर्ड से पास कराना होगा, जिसमें काम की लागत, कार्य की प्रकृति और वांछित योजना का उल्लेख अनिवार्य होगा। शासन स्तर से इन प्रस्तावों की समीक्षा कर आवश्यक धनराशि जारी की जाएगी।
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