शिक्षा का मंदिर: माधोपट्टी
माधोपट्टी गांव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां शिक्षा को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। गांव के हर घर में पढ़ाई को प्राथमिकता दी जाती है और यह मानसिकता पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। गांव के बच्चे शुरुआत से ही एक अनुशासित और प्रेरणादायक माहौल में बड़े होते हैं। यही कारण है कि यहां से निकलने वाले युवा कठिन से कठिन परीक्षा—जैसे कि UPSC—में सफल होते हैं।
बिना कोचिंग सेंटर के UPSC टॉपर्स!
आज के दौर में जहां कोचिंग सेंटर और गाइडेंस के बिना सिविल सेवा की तैयारी की कल्पना भी कठिन लगती है, वहीं माधोपट्टी इसका जीता-जागता उदाहरण है कि कड़ी मेहनत, लगन और अनुशासन से बिना कोचिंग के भी सफलता पाई जा सकती है। गांव में कोई बड़ा कोचिंग सेंटर नहीं है, फिर भी यहां के युवाओं ने देश की सबसे कठिन परीक्षा को पार किया है।
एक परिवार, कई अधिकारी
माधोपट्टी की सबसे प्रेरणादायक कहानियों में से एक यह है कि कई परिवारों में एक से ज्यादा सदस्य अधिकारी बने हैं। कुछ परिवारों में तो तीन-तीन और चार-चार भाई-बहन ने UPSC पास कर के प्रशासनिक सेवाओं में जगह बनाई है। यह परंपरा सिर्फ संयोग नहीं, बल्कि पूरे गांव की सोच और शिक्षा-प्रेम को दर्शाता है।
गांव में प्रेरणादायक माहौल
गांव में जब बच्चे बड़े होते हैं, तो उनके सामने पहले से ही कई सफल अफसरों के उदाहरण होते हैं। इससे उनमें एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा और प्रेरणा उत्पन्न होती है। वरिष्ठ लोग अपने अनुभव साझा करते हैं और युवा पीढ़ी को मार्गदर्शन भी देते हैं।
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