बिना लगान दिए कब्जे में जमीन?
राज्य भर में जारी जमीन सर्वे अभियान के तहत, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने लगान वसूली को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। विभाग के सचिव ने सभी जिलों और अंचलों को निर्देश दिया है कि वे बड़े बकायेदारों की सूची तैयार करें और उन्हें जल्द से जल्द नोटिस जारी करें। यदि तय समय सीमा के भीतर जमीन मालिकों द्वारा बकाया लगान जमा नहीं किया जाता है, तो विभाग सीधे उनकी जमीन की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर देगा।
प्राकृतिक उपयोग में बदलाव पर भी नजर
विभाग को यह भी शिकायतें मिली हैं कि कई जमीन मालिकों ने बिना उचित प्रक्रिया अपनाए अपनी जमीन की प्रकृति बदल दी है। उदाहरण के तौर पर, खेती योग्य जमीन को व्यावसायिक उपयोग में लाया जा रहा है, जिससे सरकार को राजस्व की भारी क्षति हो रही है। ऐसे मामलों में अब रैयतों को नोटिस जारी किए जाएंगे और जमीन के नए उपयोग के अनुसार लगान तय कर वसूली की जाएगी।
सरकार की मंशा स्पष्ट: राजस्व में बढ़ोतरी और पारदर्शिता
इस पहल का मुख्य उद्देश्य न केवल बकाया राजस्व की वसूली करना है, बल्कि जमीन की स्थिति और उसके उपयोग को पारदर्शी बनाना भी है। जमीन सर्वे के जरिए राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि हर इंच जमीन का सही रिकार्ड हो और उसका उपयोग तय मानकों के अनुसार ही हो।
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