1. मुद्रा योजना (MUDRA Yojana):
मोदी सरकार की सबसे बड़ी और प्रभावी योजनाओं में से एक है मुद्रा योजना, जिसका उद्देश्य छोटे और मध्यम उद्यमियों को सस्ती दरों पर ऋण प्रदान करना है। इस योजना के तहत, 2015 में मोदी सरकार ने छोटे व्यवसायियों को 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया। यह योजना लाखों लोगों को रोजगार देने और अर्थव्यवस्था को गति देने में सफल रही। वहीं, मनमोहन सिंह के कार्यकाल में छोटे व्यापारियों को इस तरह के व्यापक वित्तीय समर्थन की कमी थी।
2. जीएसटी (GST) - एक राष्ट्र, एक टैक्स
मोदी सरकार का एक और ऐतिहासिक कदम था गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू करना। 2017 में लागू हुआ GST ने भारत के टैक्स ढांचे को सरल और प्रभावी बना दिया। यह कदम भारतीय कारोबारियों और उपभोक्ताओं के लिए भारी राहत लेकर आया, क्योंकि अब उन्हें अलग-अलग राज्यों के टैक्स सिस्टम से जूझना नहीं पड़ता। इसके माध्यम से कारोबारियों की लागत कम हुई और टैक्स चोरी पर लगाम लगी। मनमोहन सिंह के शासन में इस तरह के एक केंद्रीकृत टैक्स सिस्टम की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, लेकिन यह पहल मोदी सरकार ने की।
3. डिजिटलीकरण और कैशलेस इकोनॉमी
मोदी सरकार ने डिजिटलीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए। 2016 में नोटबंदी के फैसले ने देश में कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया। सरकार ने डिजिटल भुगतान के लिए विभिन्न योजनाएं जैसे डिजिटल इंडिया और ई-हेल्थ शुरू की, जिससे देश के हर कोने में इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग की पहुंच बढ़ी। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा, बल्कि व्यापारियों और उपभोक्ताओं को भी सरलता से लेन-देन करने का मौका मिला। मनमोहन सिंह के समय में इस तरह के डिजिटल परिवर्तन की गति धीमी थी।
4. आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया
आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं के माध्यम से मोदी सरकार ने देश की मैन्युफैक्चरिंग और उत्पादन क्षमता को बढ़ावा दिया। इन योजनाओं का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ाना, विदेशी निवेश को आकर्षित करना और भारत को एक वैश्विक उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित करना था। वहीं, मनमोहन सिंह के समय में भारतीय अर्थव्यवस्था अधिकतर सेवा-निर्भर थी और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो रही थी।
5. कृषि क्षेत्र में सुधार और किसान सम्मान निधि
मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र में भी कई सुधार किए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत, सरकार ने किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में वित्तीय सहायता देने की व्यवस्था की। इसके अलावा, मोदी सरकार ने किसानों के लिए कृषि बाजार सुधार और कृषि उधारी की आसानी सुनिश्चित की। मनमोहन सिंह के समय में कृषि क्षेत्र के सुधार अपेक्षाकृत धीमे थे और किसानों की स्थिति को लेकर कई बार सवाल उठते थे।
6. निवेश आकर्षण और विदेशी निवेश में हुए वृद्धि
मोदी सरकार के तहत भारत ने वैश्विक निवेशकों का विश्वास जीता। फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) में लगातार वृद्धि देखने को मिली है। मोदी सरकार ने व्यापार को सरल बनाने, सुधारित श्रम कानूनों और टैक्स नीतियों के माध्यम से विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया। मनमोहन सिंह के कार्यकाल में विदेशी निवेश के मामले में कई बार बाधाएं आईं और भारत को निवेश के मामले में चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।
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