मूडीज की भविष्यवाणी
मूडीज रेटिंग्स ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में मजबूत बनी रहेगी, और 2025-26 में भी विकास की गति जारी रहेगी। मूडीज के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया के अन्य बड़े देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में रहेगी, खासकर जब हम अमेरिका, चीन और जर्मनी जैसे विकसित देशों की तुलना करें।
मूडीज ने यह भी बताया है कि भारत आर्थिक दबावों से निपटने में बेहतर स्थिति में हैं। इसका कारण यह है कि भारत की अर्थव्यवस्थाएं अधिक लचीली हैं और वे वैश्विक बदलावों से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम हैं। वहीं, अमेरिका और अन्य विकसित देशों के आर्थिक मॉडल में अब पहले जैसी तेजी और स्थिरता नहीं रही है, जिससे ये देश वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
वैश्विक चुनौतियाँ और भारत का प्रदर्शन
चीन और अमेरिका जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को आगामी वर्षों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिकी नीतियों में बदलाव, वैश्विक पूंजी प्रवाह में अस्थिरता, व्यापारिक तनाव, और सप्लाई चेन समस्याओं से कई देशों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा। खासकर, अमेरिकी नीतियों के कारण विश्व स्तर पर व्यापार और आपूर्ति श्रृंखलाओं में खलल पड़ेगा, जिससे वैश्विक वृद्धि दर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
हालांकि, भारत इस रेस में सबसे आगे रहेगा। भारत की सशक्त आंतरिक बाजार और विभिन्न आर्थिक सुधारों के कारण वह इन वैश्विक चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने में सक्षम होगा। सरकार की नीतियों, जैसे कि मेक इन इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, और डिजिटल इंडिया जैसी पहलें भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने में मदद कर रही हैं। भारत की बढ़ती उपभोक्ता मांग और तेजी से बढ़ती सेवा क्षेत्र भी इसके विकास की कुंजी हैं।
भारत का आर्थिक दबावों से मुकाबला
भारत की अर्थव्यवस्था ने कोविड-19 महामारी के बाद तेज़ी से रिकवरी की है, और 2024-25 में 6.7% की विकास दर का अनुमान है। हालांकि, अगले वित्तीय वर्ष (2025-26) में यह थोड़ी घटकर 6.5% हो सकती है, लेकिन यह भी एक अत्यधिक प्रभावशाली वृद्धि दर मानी जाएगी, खासकर जब हम वैश्विक मंदी और अन्य आर्थिक दबावों को देखें। भारत की बढ़ती वैश्विक व्यापार साझेदारियाँ, जैसे कि अमेरिका, यूरोपीय संघ, और एशियाई देशों के साथ, इसके विकास की गति को और भी तेज कर रही हैं।
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