बिहार में सभी हेडमास्टरों के लिए नया फरमान जारी

न्यूज डेस्क: बिहार सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में एक नया फरमान जारी किया है, जिसके तहत हेडमास्टरों को एक निर्धारित मॉडल टाइम टेबल का पालन करने का निर्देश दिया गया है। यह कदम शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। नए टाइम टेबल के अनुसार, स्कूलों में सुबह की गतिविधियाँ बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तय की गई हैं।

नया टाइम टेबल और गतिविधियाँ

नए निर्धारित टाइम टेबल के अनुसार, सुबह 6:30 बजे से 7 बजे तक विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। इन गतिविधियों का उद्देश्य विद्यार्थियों को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करना है, ताकि वे पूरे दिन की पढ़ाई और अन्य कार्यों में सक्रिय और उत्साही रहें। इस समयावधि के दौरान, निम्नलिखित गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी:

1 .बिहार राज्य प्रार्थना (3-4 मिनट): यह प्रार्थना विद्यार्थियों को एकजुटता, सद्भावना और सकारात्मक दृष्टिकोण सिखाती है।

2 .व्यायाम/योग/ध्यान/मौन (5 मिनट): शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए यह गतिविधियाँ महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

3 .आज का विचार (2 मिनट): यह विद्यार्थियों को सकारात्मक सोच और प्रेरणा देने के उद्देश्य से होता है।

4 .संविधान की प्रस्तावना (3 मिनट): छात्रों को संविधान के प्रति जागरूक करना और उनका आदर्श नागरिक बनाने के लिए यह एक आवश्यक कदम है।

5 .एक छात्र/शिक्षक की अभिव्यक्ति (3 मिनट): यहां छात्र या शिक्षक अपने विचार, अनुभव या प्रेरक कहानी साझा करेंगे, जो विद्यार्थियों को जीवन में दिशा देने का काम करेगा।

6 .सामान्य ज्ञान के प्रश्न (2 मिनट): विद्यार्थियों का सामान्य ज्ञान बढ़ाने के लिए यह गतिविधि आयोजित की जाती है।

7 .प्रेरक प्रसंग (3 मिनट): यह कार्य विद्यार्थियों को मोटिवेट करने और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए किया जाएगा।

8 .प्रमुख समाचारों का वाचन (4 मिनट): विद्यार्थियों को देश-विदेश में हो रहे महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से यह वाचन होगा।

9 .राष्ट्रगान (52 सेकंड): राष्ट्रगान विद्यार्थियों में देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता की भावना को जागृत करता है।

कक्षा में प्रवेश

इन गतिविधियों के बाद, विद्यार्थी कक्षा के लिए प्रवेश करेंगे। इस तरह, वे न केवल मानसिक रूप से तैयार होंगे, बल्कि उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति भी बेहतर होगी, जिससे वे अपनी पढ़ाई में और अधिक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। यह समय विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है, जो उनकी शिक्षा के लिए आवश्यक है।

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