घरों पर जाकर होगा सत्यापन
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार, अब संबंधित कर्मचारी खुद लाभार्थियों के घर जाकर सत्यापन करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में यह जिम्मेदारी ब्लॉक स्तर के अधिकारियों और ग्राम पंचायत सचिवों को सौंपी गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह कार्य नगर निगम द्वारा किया जाएगा। समाज कल्याण विभाग ने पहले से ही लाभार्थियों की सूची तैयार कर ब्लॉकवार भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ITR भरने वाले भी उठा रहे थे लाभ,
हाल ही में एक जांच में बड़ा खुलासा हुआ था कि कई ऐसे लाभार्थी भी वृद्धावस्था पेंशन का लाभ ले रहे थे जो इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल कर रहे हैं और आयकर भी भरते हैं। ये गड़बड़ी राशन कार्ड और अन्य सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के मिलान के दौरान सामने आई। प्राथमिक जांच में पाया गया कि प्रदेश में करीब 2,000 से 2,500 ऐसे लोग हैं, जो पेंशन के मानकों के बाहर होते हुए भी इसका लाभ उठा रहे थे। इसी को देखते हुए सरकार ने व्यापक सत्यापन की योजना बनाई है।
60 लाख से अधिक बुजुर्ग उठा रहे हैं पेंशन का लाभ
वर्तमान में समाज कल्याण विभाग के माध्यम से प्रदेश के लगभग 60 लाख बुजुर्गों को हर महीने ₹1,000 की पेंशन दी जा रही है। पेंशन की यह राशि लाभार्थियों के बैंक खातों में तिमाही आधार पर भेजी जाती है। यूपी सरकार ने 2025-26 के बजट में 5 लाख नए लाभार्थियों को योजना से जोड़ने का फैसला भी लिया है।
इस योजना के लिए प्रदेश में कौन-कौन हैं पात्र लाभार्थी?
इस योजना का लाभ उन्हीं बुजुर्गों को दिया जाता है जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं और जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक है। शहरी क्षेत्रों में लाभार्थी की सालाना आय सीमा ₹56,460 जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह सीमा ₹46,080 निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त लाभार्थी को किसी अन्य सरकारी पेंशन का लाभ नहीं मिलना चाहिए।
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