यूपी में यमुना एक्सप्रेसवे से वृंदावन तक नया बाईपास

न्यूज डेस्क: वृंदावन, जो भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ा हुआ एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, हर साल लाखों श्रद्धालुओं का स्वागत करता है। यहां आने वाले भक्तों का मुख्य आकर्षण बांकेबिहारी मंदिर, श्री राधा कृष्ण मंदिर, और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या के कारण वृंदावन में यातायात की स्थिति बिगड़ती जा रही थी। खासकर, यमुना एक्सप्रेसवे से वृंदावन तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को लंबा जाम झेलना पड़ता था। इस समस्या के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा एक नई योजना बनाई गई है, जिससे श्रद्धालुओं को अब जाम से निजात मिलने की उम्मीद जगी है।

वृंदावन बाईपास की महत्वता

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने यमुना एक्सप्रेसवे से वृंदावन तक एक नया बाईपास बनाने की योजना तैयार की है। इस बाईपास का उद्देश्य श्रद्धालुओं के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी रुकावट के सीधे वृंदावन तक पहुंच सकें। इस बाईपास का मार्ग जैंत से शुरू होकर रामताल होते हुए यमुनापार के क्षेत्र में वृंदावन बाईपास तक जाएगा और यमुना एक्सप्रेसवे के किलोमीटर संख्या 101 से जुड़ जाएगा। यह मार्ग कुल 15 किलोमीटर लंबा होगा और इसे छह लेन (Six-lane) बनाया जाएगा।

बाईपास का निर्माण और वित्तीय योजना

इस बाईपास के निर्माण के लिए लगभग 1645.72 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा लागू की जाएगी और इसका निर्माण उच्चतम मानकों के तहत होगा। इस बाईपास के निर्माण से न केवल यातायात में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्रीय सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। फुटपाथों को बेहतर बनाया जाएगा और पूरे मार्ग का सौंदर्यीकरण भी कराया जाएगा।

यह निर्माण वृंदावन के लिए एक नया बदलाव

यह वृंदावन बाईपास परियोजना न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी लाभकारी साबित होगी। जाम की समस्या को समाप्त करने से वृंदावन के लोग भी बिना किसी कठिनाई के यात्रा कर सकेंगे और शहर में दैनिक जीवन की गतिविधियों में भी सुधार आएगा। इसके साथ ही, यह बाईपास वृंदावन को एक आधुनिक और विकसित तीर्थ स्थल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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