भारत वीटो पावर के लिए मजबूत दावेदार, पढ़ें रिपोर्ट

नई दिल्ली: भारत, जो वर्तमान में विश्व की प्रमुख शक्तियों में शुमार है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता और वीटो पावर के लिए एक मजबूत दावेदार बन चुका है। भारत की वैश्विक स्थिति, अर्थव्यवस्था, सैन्य क्षमता और कूटनीतिक भूमिका ने इसे इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बना दिया है। यहां हम भारत के वैश्विक प्रभाव और उसकी वीटो पावर की दावेदारी के लिए छह प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डालते हैं।

1. दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था

भारत आज दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, भारत की GDP तेजी से बढ़ रही है और आने वाले वर्षों में यह प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने की संभावना है। भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और व्यापारिक नेटवर्क इसे वैश्विक कूटनीति और सुरक्षा मामलों में अहम भूमिका निभाने के लिए सक्षम बनाते हैं। ऐसे में, एक मजबूत आर्थिक ताकत के रूप में भारत की स्थायी सदस्यता और वीटो पावर की मांग न्यायसंगत प्रतीत होती है।

2. दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जिसमें 140 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं। इस विशाल लोकतांत्रिक देश की राजनीतिक स्थिरता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की प्रतिबद्धता उसे वैश्विक कूटनीतिक निर्णयों में भागीदार बनने के लिए एक आदर्श बनाती है। भारत के पास एक सशक्त लोकतांत्रिक संस्थाएं हैं, जो उसे वैश्विक मामलों में संतुलित और समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की ताकत देती हैं। यह उसकी वीटो पावर की मांग को और मजबूती प्रदान करता है।

3. दुनिया की चौथी बड़ी सैन्य शक्ति

भारत का सैन्य बल दुनिया में चौथा सबसे बड़ा है और यह अपनी क्षमता में निरंतर वृद्धि कर रहा है। भारतीय सेना का भौगोलिक विस्तार और उसकी युद्धक क्षमता उसे एक प्रमुख वैश्विक सैन्य शक्ति बनाती है। भारत की सैन्य शक्ति सुरक्षा परिषद के निर्णयों पर प्रभाव डालने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। वीटो पावर की दावेदारी में यह सैन्य शक्ति भी भारत की स्थिति को मजबूती देती है।

4. दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या

भारत की जनसंख्या 1.4 बिलियन से अधिक है, जो इसे दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बनाती है। यह आंकड़ा न केवल भारत की आंतरिक ताकत को दर्शाता है, बल्कि इसका वैश्विक प्रभाव भी है। इतनी बड़ी जनसंख्या के साथ भारत न केवल अपने देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नीति निर्धारण में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है। इसका सामाजिक और आर्थिक परिप्रेक्ष्य वैश्विक निर्णयों को प्रभावित करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।

5. कई बड़े अंतरराष्ट्रीय ग्रुपों का सदस्य

भारत विभिन्न महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठनों और ग्रुपों का सदस्य है, जैसे BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका), G20, SCO (शांगहाई सहयोग संगठन), और ASEAN के साथ उसके मजबूत रिश्ते हैं। इन संगठनों में भारत की सक्रिय भागीदारी और नेतृत्व उसे वैश्विक मुद्दों पर प्रभावी योगदान करने में सक्षम बनाती है। यह भारत की वीटो पावर की दावेदारी को और मजबूत बनाता है, क्योंकि इन समूहों में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका इसे एक अंतरराष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित करती है।

6. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का वर्तमान संरचना, जो पांच स्थायी सदस्यों (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन) पर आधारित है, 21वीं सदी की वैश्विक जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं है। सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग लंबे समय से की जा रही है, और भारत इस सुधार की सबसे प्रमुख वकालत करने वाले देशों में से एक है। भारत का तर्क है कि एक ऐसे समय में जब वैश्विक राजनीति में बदलाव हो रहा है, सुरक्षा परिषद को आधुनिक वैश्विक परिप्रेक्ष्य में पुनर्गठित किया जाना चाहिए।

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