राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने ‘बिहार पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2025’ नाम से एक ड्राफ्ट जारी किया है, जो भविष्य के पाठ्यक्रम और पुस्तकों की नींव रखेगा। यह ड्राफ्ट परिषद की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है ताकि शिक्षक, विशेषज्ञ और आम नागरिक इससे जुड़ सकें और अपनी राय दे सकें।
नई किताबों के निर्माण का काम जोरों पर
परिषद के अधिकारियों के अनुसार, नई पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने का कार्य तेजी से चल रहा है। पहले चरण में कक्षा 1 से 5 तक की किताबें बदली जाएंगी। इसके लिए कक्षावार और वर्गवार सिलेबस को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उसके आधार पर किताबों की सामग्री तैयार की जा रही है।
नई किताबों को बच्चों की उम्र, रुचि और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार अधिक रोचक और उपयोगी बनाने की कोशिश की जा रही है। इसमें स्थानीय कहानियां, गतिविधियाँ, और बाल मित्र भाषा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
शिक्षा में नया अध्याय
इस बदलाव का उद्देश्य बच्चों को जड़ से मजबूत करना और उनकी बुनियादी समझ को विकसित करना है। बिहार में यह पहली बार हो रहा है जब इतनी व्यापक रूप से पाठ्यक्रम और किताबों को नया रूप दिया जा रहा है। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग का मानना है कि यह कदम बच्चों के सीखने के अनुभव को और बेहतर बनाएगा और आने वाले वर्षों में बिहार की शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा देगा।
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