यूपी शिक्षक भर्ती में बड़ा बदलाव: पढ़ें ये नया नियम!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब लेक्चरर और एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) पदों पर नियुक्ति के लिए शैक्षिक अर्हता को राजकीय विद्यालयों के समान कर दिया गया है। इसका सीधा असर हजारों उम्मीदवारों पर पड़ेगा जो शिक्षण सेवा में आना चाहते हैं।

क्या बदला है नियमों में?

1 .लेक्चरर पद के लिए: अब तक हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत, उर्दू, अरबी, पाली और कंप्यूटर जैसे 49 विषयों में केवल संबंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) की डिग्री ही पर्याप्त मानी जाती थी। लेकिन अब PG के साथ-साथ B.Ed डिग्री भी अनिवार्य कर दी गई है।

2 .एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) के लिए: पहले कुछ विषयों में इंटरमीडिएट (12वीं) और कुछ में ग्रेजुएशन के साथ B.Ed जरूरी था। अब सभी विषयों में ग्रेजुएशन + B.Ed अनिवार्य कर दिया गया है। विशेष रूप से संगीत और अन्य विषयों में जहां पहले इंटरमीडिएट आधारित योग्यताएं चलती थीं, उन्हें हटा दिया गया है, जिससे फर्जी डिग्रियों का चलन भी रुकेगा।

3 .शारीरिक शिक्षा में: यहां B.Ed की जगह UG डिग्री + M.P.Ed (Master in Physical Education) अनिवार्य की गई है। इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं।

क्या होगा इसका असर?

भर्ती प्रक्रिया में गति आएगी। एडेड स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी दूर होगी। अधकचरे या फर्जी डिग्रीधारकों की एंट्री पर रोक लगेगी। योग्य और प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को मिलेगा न्याय।

माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव भगवती सिंह ने कहा कि अब सभी विषयों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्पष्ट कर दी गई है। इससे एडेड माध्यमिक विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने वाले योग्य शिक्षक नियुक्त किए जा सकेंगे।

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