यूपी में बोरवेल-ट्यूबवेल को लेकर नए नियम लागू!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने बोरवेल और ट्यूबवेल से जुड़ी दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। योगी सरकार द्वारा जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों के तहत अब किसी भी शहर में बोरवेल या ट्यूबवेल की खुदाई करने से पहले स्थानीय निकायों से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। यह निर्णय राज्य में आए दिन हो रही दर्दनाक घटनाओं—खासतौर पर बच्चों के खुले बोरवेल में गिरने और जान गंवाने—की पृष्ठभूमि में लिया गया है।

अनुमति लेना अब अनिवार्य

स्थानीय निकाय निदेशक डॉ. अनुज कुमार झा द्वारा जारी निर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी बोरवेल या ट्यूबवेल की खुदाई से कम से कम 15 दिन पहले आवेदन करना होगा। बिना अनुमति काम शुरू करना अब गैरकानूनी माना जाएगा और संबंधित व्यक्ति या एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पंजीकरण भी जरूरी

खुदाई करने वाली हर एजेंसी—सरकारी, अर्द्धसरकारी या निजी—को प्रशासन या अन्य प्राधिकृत अधिकारी के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि काम सिर्फ अधिकृत और योग्य एजेंसियों द्वारा किया जाए।

सुरक्षा उपाय होंगे सख्त

सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। नए नियमों के तहत: खुदाई स्थल पर साइन बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा, जिसमें एजेंसी का पूरा नाम और पता लिखा होगा। बोरवेल या ट्यूबवेल के पास कंटीले तारों की बाड़ या बैरियर लगाना जरूरी होगा ताकि कोई व्यक्ति या जानवर उसमें गिर न सके।

जमीन को वापस वैसा ही बनाना होगा जैसा पहले था

निर्देशों के अनुसार, बोरवेल या ट्यूबवेल की खुदाई पूरी हो जाने के बाद जमीन को उसकी मूल अवस्था में लौटाना अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आसपास के लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा या खतरा न हो। सरकार ने साफ किया है कि अगर किसी भी स्थान पर कोई खुला बोरवेल पाया गया, तो उसे तुरंत बंद कराया जाएगा।

0 comments:

Post a Comment