न्याय पंचायत स्तर पर होंगे विद्यालय
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इन विद्यालयों के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए स्पष्ट किया कि हर न्याय पंचायत स्तर पर एक मॉडल विद्यालय की स्थापना की जाएगी। इन विद्यालयों को इस तरह से स्थापित किया जाएगा कि आसपास के गांवों के बच्चों को भी सुलभ और सुरक्षित शिक्षा मिल सके। खासतौर पर साइकिल या पैदल आने वाले छात्रों के लिए यह सुविधा अत्यंत लाभकारी होगी।
आधुनिक सुविधाओं से युक्त विद्यालय
इन विद्यालयों को केवल शैक्षणिक ही नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी उपयुक्त बनाया जाएगा। प्रत्येक विद्यालय में निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी: ओपन जिम, रेस ट्रैक, बालीवाल, बैडमिंटन व हॉकी कोर्ट, इंडोर प्ले एरिया, योगा सेंटर। इसके अलावा विद्यालय सड़क के किनारे स्थित होंगे ताकि पहुंच आसान हो और सुरक्षा बनी रहे। भूमि चयन में प्राथमिकता भी सड़क से सटे भूखंडों को दी जाएगी।
छात्रों के लिए पूर्ण शिक्षा व्यवस्था
प्रत्येक विद्यालय में प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा-12 तक की शिक्षा उपलब्ध होगी। शिक्षा का माध्यम उत्तर प्रदेश बोर्ड के पाठ्यक्रम पर आधारित होगा और विज्ञान, गणित, वाणिज्य व कला वर्ग की पढ़ाई कराई जाएगी। प्रत्येक विद्यालय लगभग 1500 छात्रों की क्षमता के साथ बनेगा और इसके निर्माण पर 24.78 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है।
प्रदेश भर में शिक्षा का विस्तार
उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक-एक मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही, राज्य के 24 हजार कम्पोजिट विद्यालयों में से प्रथम चरण में 75 विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय विद्यालय के रूप में उच्चीकृत किया जाएगा, जिससे लगभग 30 हजार छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा।
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