डिजिलॉकर पर मिलेगा प्रमाणपत्र
बोर्ड सचिव भगवती सिंह के अनुसार, 2025 की परीक्षा के नतीजे घोषित होते ही सभी परीक्षार्थियों को डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर अपना अंकपत्र और प्रमाणपत्र प्राप्त हो जाएगा। यह दस्तावेज़ न केवल डिजिटली हस्ताक्षरित (Digitally Signed) होगा, बल्कि इसमें QR कोड भी मौजूद होगा, जिससे उसकी सत्यता कहीं भी और कभी भी ऑनलाइन सत्यापित की जा सकेगी।
फायदों की एक झलक
1 .स्कूल जाने की जरूरत नहीं: अब छात्रों को प्रमाणपत्र के लिए स्कूल या बोर्ड ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। डिजिलॉकर से सीधे डाउनलोड कर सकते हैं।
2 .आधिकारिक और प्रमाणिक: डिजिटल सिग्नेचर और QR कोड के चलते यह दस्तावेज़ पूरी तरह से वैध माना जाएगा।
3 .तुरंत उपयोग: किसी भी कॉलेज, प्रतियोगी परीक्षा या सरकारी नौकरी में आवेदन के लिए तुरंत अंकपत्र का उपयोग किया जा सकता है।
4 .पास या फेल – सभी के लिए उपलब्ध: चाहे छात्र उत्तीर्ण हों या अनुत्तीर्ण, सभी को यह डिजिटल डॉक्युमेंट मिलेगा।
5 .ऑनलाइन सत्यापन: जहाँ भी इस दस्तावेज़ को जमा किया जाएगा, संबंधित संस्थान या विभाग ऑनलाइन इसका सत्यापन कर सकेंगे।
क्या है डिजिलॉकर?
डिजिलॉकर भारत सरकार की एक डिजिटल सेवा है, जो नागरिकों को सरकारी दस्तावेज़ों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत करने की सुविधा देती है। यह पूरी तरह सुरक्षित है और आधार नंबर से जुड़ा होता है। छात्र केवल एक बार रजिस्ट्रेशन करके इसमें अपनी मार्कशीट और अन्य दस्तावेज हमेशा के लिए स्टोर कर सकते हैं।
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