भारत खुद बना रहा 'जेट इंजन' और 'स्टील्थ विमान'

नई दिल्ली: भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को अगले स्तर पर ले जाने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है। अब देश न केवल स्टील्थ तकनीक वाला पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान बना रहा है, बल्कि अब जेट इंजन भी स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) मिलकर दो प्रमुख परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।

कावेरी 2.0: इंजन जो आत्मनिर्भरता की नींव रखेगा

कई वर्षों की तकनीकी चुनौतियों के बाद, DRDO ने कावेरी इंजन को नए सिरे से विकसित करना शुरू किया है। अब इसका नाम ‘कावेरी 2.0’ रखा गया है, जिसे  नए सिरे से अपग्रेड किया जा रहा है। यह इंजन भारत के आगामी विमान के लिए मुख्य शक्ति स्रोत बन सकता है।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह इंजन सफल होता है, तो भारत को विदेशी जेट इंजन पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। कावेरी 2.0 को 110–125 किलो न्यूटन थ्रस्ट रेंज में डिजाइन किया जा रहा है, जो कि कई आधुनिक लड़ाकू विमानों के लिए पर्याप्त होगा।

AMCA: भारत का पहला फुल-स्टील्थ लड़ाकू विमान

AMCA प्रोजेक्ट, भारत का सबसे महत्वाकांक्षी रक्षा परियोजनाओं में से एक है। यह विमान स्टील्थ तकनीक, सुपरक्रूज़ क्षमता, एडवांस एवियोनिक्स और AI-सपोर्टेड मिशन सिस्टम्स से लैस होगा। HAL और एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा विकसित यह फाइटर 2030 तक भारतीय वायुसेना में शामिल होने की उम्मीद है। इसका उद्देश्य चीन के J-20 और अमेरिका के F-35 जैसे फाइटर जेट्स को टक्कर देना है।

भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत यह दोनों परियोजनाएं विशेष महत्व रखती हैं। रक्षा मंत्रालय ने AMCA प्रोजेक्ट के लिए प्रारंभिक निवेश को मंजूरी दे दी है और अब इसका प्रोटोटाइप निर्माण चरण में है। इसके निर्माण से भारत की ताकत में वृद्धि होगी।

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