परीक्षा केंद्रों पर केंद्र व्यवस्थापक पासवर्ड के माध्यम से प्रश्न पत्रों को डिक्रिप्ट कर उनका प्रिंटआउट निकालेंगे और छात्रों को वितरित करेंगे। इस तकनीकी बदलाव से प्रश्न पत्र लीक होने की संभावनाओं पर पूरी तरह से रोक लगने की उम्मीद है।
डिजिटल मूल्यांकन और सख्त निगरानी
अब से परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं का डिजिटल मूल्यांकन किया जाएगा। इसके साथ ही, परीक्षा में प्रयोग किए जाने वाले सॉफ्टवेयर का सिक्योरिटी ऑडिट भी कराया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी चूक या छेड़छाड़ को रोका जा सके।
यह निर्णय प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल की अध्यक्षता में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया, जिसमें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय की रिपोर्ट को लागू करने पर सहमति बनी।
शैक्षणिक गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
बैठक में यह भी तय किया गया कि सभी पॉलीटेक्निक एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों का शैक्षणिक ऑडिट किया जाएगा। इसके साथ ही, संस्थानों की गुणवत्ता के आधार पर स्टेट इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (SIRF) पोर्टल के माध्यम से रैंकिंग की जाएगी। खराब प्रदर्शन करने वाले संस्थानों पर सख्ती बरती जाएगी और वहां सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
नई पहलें और संरचनात्मक सुधार
1 .अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का निर्माण किया जाएगा।
2 .शिक्षकों और कर्मचारियों के खाली पदों को जल्द भरा जाएगा।
3 .सभी पॉलीटेक्निक संस्थानों में अब बायोमीट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था लागू होगी।
4 .उद्योगों से समन्वय स्थापित कर छात्रों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
5 .इसके अलावा, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के संचालन के लिए एक समान विनियम बनाए जाएंगे और कार्यपरिषद व बोर्ड ऑफ गवर्नेंस में नामांकन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा।
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