वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 131.84 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जिसमें भारत का अमेरिका के साथ व्यापारिक सरप्लस 41.18 अरब डॉलर हो गया है। यह सरप्लस पिछले वर्ष के 35.32 अरब डॉलर से अधिक है, जो भारत के बढ़ते निर्यात को दर्शाता है।
भारत से अमेरिका निर्यात होने वाली वस्तुएं:
भारत ने 2024 में अमेरिका को कई महत्वपूर्ण वस्तुएं निर्यात कीं, जिनमें प्रमुख रूप से दवाइयां, टेलीकॉम उपकरण, कीमती पत्थर, पेट्रोलियम उत्पाद, सोने के गहने, कपड़े, और लोहे के उत्पाद शामिल हैं। इसके अलावे भी भारत ने अमेरिका को कई वस्तुएं निर्यात कीं।
दवाइयां (8.1 अरब डॉलर): भारत के फार्मास्युटिकल्स उद्योग ने अमेरिका के बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।
टेलीकॉम उपकरण (6.5 अरब डॉलर): भारत द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले टेलीकॉम उपकरणों का निर्यात भी तेजी से बढ़ा है।
कीमती पत्थर (5.3 अरब डॉलर): भारतीय रत्न और आभूषण अमेरिका में बेहद लोकप्रिय हैं। अमेरिकी बाजार में भारत के इन चीजों की मांग बढ़ी हैं।
पेट्रोलियम उत्पाद (4.1 अरब डॉलर): पेट्रोलियम और उससे जुड़े उत्पादों का निर्यात भी महत्वपूर्ण है।
सोने के गहने (3.2 अरब डॉलर): भारतीय आभूषण उद्योग का अमेरिका के बाजार में महत्वपूर्ण योगदान है।
कपड़े (2.8 अरब डॉलर): भारत का कपड़ा उद्योग अमेरिका के बाजार में तेजी से बढ़ रहा है।
लोहे के उत्पाद (2.7 अरब डॉलर): निर्माण और औद्योगिक उपयोग के लिए भारत से अमेरिका में लोहे के उत्पादों का निर्यात हो रहा है।
अमेरिका से भारत आयत होने वाली वस्तुएं:
अमेरिका से भारत का प्रमुख आयात कच्चा तेल (4.5 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (3.6 अरब डॉलर), कोयला (3.4 अरब डॉलर), हीरे (2.6 अरब डॉलर), बिजली के उपकरण (1.4 अरब डॉलर), हवाई जहाज के पार्ट्स (1.3 अरब डॉलर), और सोना (1.3 अरब डॉलर) हैं।
व्यापार समझौता और भविष्य की संभावनाएं
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार का भविष्य और भी उज्जवल दिख रहा है। दोनों देशों के बीच एक व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है, जिसका उद्देश्य 2030 तक दोनों देशों के बीच 500 अरब डॉलर का व्यापार सुनिश्चित करना है। वर्तमान में यह आंकड़ा 191 अरब डॉलर है, जो इस लक्ष्य के करीब पहुंचने के संकेत दे रहा है।
भारतीय सरकार का कहना है कि यह समझौता न केवल व्यापार बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि दोनों देशों के बीच तकनीकी, विज्ञान, और विनिर्माण क्षेत्रों में सहयोग को भी नया आयाम देगा। अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार से भारतीय उद्योगों को न सिर्फ नए बाजार मिलेंगे, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
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