यूपी में सस्ती हुई बिजली: उपभोक्ताओं को बड़ी राहत

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने मई महीने में बिजली दरों में कमी करने का फैसला लिया है। इससे पहले तीन दिन पहले बिजली उपभोक्ताओं को झटका देते हुए पहली बार ईंधन और ऊर्जा खरीद समायोजन अधिभार (FPPAS) जोड़ा गया था, लेकिन अब इस झटके से राहत देने के लिए दो प्रतिशत सरचार्ज घटाने का आदेश जारी कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश में हाल ही में बिजली दरों में वृद्धि की गई थी। अप्रैल महीने के बिजली बिलों में 1.24% FPPAS (Fuel and Power Purchase Adjustment Surcharge) जोड़ा गया था। इसका मतलब यह था कि अगर किसी उपभोक्ता का बिजली बिल 1000 रुपये आया, तो उसे अतिरिक्त 12.40 रुपये का भुगतान करना पड़ा। यह पांच साल में पहली बार था जब बिजली दरों में बढ़ोतरी की गई थी। लेकिन अब राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस वृद्धि को आंशिक रूप से कम करने का फैसला लिया है।

क्यों लिया गया यह फैसला?

आयोग ने बताया कि बिजली कंपनियों द्वारा जनवरी में 78.99 करोड़ रुपये का सरप्लस आकलन किया गया था। इसे उपभोक्ताओं को वापस करने और खर्च का सही तरीके से समायोजन करने के लिए मई के बिलों में फरवरी महीने के ऊर्जा खरीद खर्च को आधार बनाकर 2% सरचार्ज कम किया जाएगा।

हर महीने बदलेगी सरचार्ज की दर

नियामक आयोग द्वारा मंजूर बहुवर्षीय टैरिफ नीति के तहत अब पावर कॉर्पोरेशन को यह अधिकार मिल गया है कि वह हर महीने ईंधन और ऊर्जा खरीद खर्च के आधार पर सरचार्ज की दर तय कर सके। उदाहरण के तौर पर: अप्रैल में जनवरी महीने का खर्च समायोजित किया गया, मई में फरवरी का खर्च समायोजित किया जाएगा। आगे चलकर अगर बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का बकाया निकलता है, तो उसका भी समायोजन कर बिल में राहत दी जा सकती है।

क्या होगी उपभोक्ताओं को असली राहत?

इस फैसले से सीधे तौर पर लाखों बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। बढ़ी हुई दरों की भरपाई के लिए अब अगले महीनों में कम सरचार्ज लिया जाएगा। हालांकि, दरें आगे बढ़ भी सकती हैं या घट भी सकती हैं — यह पूरी तरह से ऊर्जा खरीद और आपूर्ति की लागत पर निर्भर करेगा।

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