परिवहन विभाग में राहत की सौगात
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के अधिकारी ने जानकारी दी कि, "सरकारी नियमों के तहत अगर कोई विभाग घाटे में चलता है, तो वहां अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को रोका जा सकता है।" हालांकि, यूपी परिवहन निगम पिछले कुछ वर्षों से घाटे में चल रहा था, जिसमें 2016-17 से लगातार नुकसान हो रहा था। कोरोना महामारी के कारण विभाग पर आर्थिक दबाव और बढ़ गया था।
हालांकि, हाल ही में 2023-24 में यूपी परिवहन विभाग को 131 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ और 2024-25 में विभाग का मुनाफा लगभग 150 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। इससे सरकार को यह विश्वास हुआ कि अब विभाग आर्थिक रूप से मजबूत हो चुका है और अब मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने का फैसला लिया गया है।
क्या है प्रस्ताव?
योगी सरकार ने अपने प्रस्ताव में यह भी स्पष्ट किया कि पिछले आठ वर्षों में जिन कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है, उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाएगी। यह कदम प्रदेश सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा उपाय के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इससे उन परिवारों को राहत मिलेगी जो अपने प्रियजन की मृत्यु के बाद आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। इस निर्णय से न केवल मृतक आश्रितों को रोजगार मिलेगा, बल्कि उनका जीवन स्तर भी बेहतर होगा।
एक नई दिशा की ओर
यह निर्णय प्रदेश में सरकार की प्रशासनिक सोच को दर्शाता है, जो न केवल कर्मचारियों और उनके परिवारों की भलाई के लिए कार्य कर रही है, बल्कि सरकारी विभागों को भी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने का अवसर प्रदान कर रही है। यूपी परिवहन विभाग के आर्थिक मुनाफे में सुधार और मृतक आश्रितों को नौकरी देने का निर्णय दोनों ही सरकार की नीतियों की सफलता को दर्शाता है।
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