मक्का की खेती करने वाले किसानों को इस सेंटर के माध्यम से आधुनिक तकनीकों से जुड़ने, उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करने और एक मजबूत बाजार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। सबसे खास बात यह है कि इस सेंटर की मदद से अब मक्का उत्पादकों को न केवल घरेलू बाजार बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार तक भी पहुंच मिल सकेगी।
कृषि मंत्री ने की थी घोषणा
कुछ दिन पहले प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सीखड़ ब्लॉक का दौरा किया था। निरीक्षण के दौरान उन्होंने किसानों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को समझा। उसी दौरान किसानों की मांग पर मिलेट्स प्रोसेसिंग सेंटर की घोषणा की गई थी। अब जिला प्रशासन की ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।
किसानों को होगा बहुआयामी लाभ
इस सेंटर के निर्माण के बाद मिर्जापुर के किसानों को कई तरह के लाभ मिलेंगे: बिक्री के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध होगा। उत्पादों के प्रोसेसिंग से फसल की गुणवत्ता और shelf-life बढ़ेगी। बढ़िया दाम मिलने से किसानों की आमदनी में इज़ाफा होगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ाव के कारण डॉलर में कमाई का रास्ता खुलेगा।
सरकार का मोटे अनाज पर फोकस
सरकार द्वारा मोटे अनाज जैसे मक्का, बाजरा, ज्वार आदि की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "श्री अन्न" अभियान से भी जुड़ा हुआ है, जिसके तहत देशभर में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कृषि में आत्मनिर्भरता की ओर कदम
मिर्जापुर में बनने वाला यह सेंटर किसानों को न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। सरकार की इस पहल से मक्का उत्पादकों में नया उत्साह है और उन्हें उम्मीद है कि इस सेंटर के बनने से उनकी आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार आएगा।
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