नया खतियान तैयार करने का उद्देश्य:
खतियान एक प्रकार का दस्तावेज़ है, जिसमें जमीन के मालिक का नाम और उस जमीन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज होती है। अब तक बिहार में कई जगहों पर भूमि का सही रिकॉर्ड नहीं था, जिसके कारण अक्सर जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद होते रहते थे। राज्य सरकार ने वंशावली आधारित खतियान तैयार करने का फैसला लिया है ताकि हर रैयत को अपनी भूमि का सही मालिकाना हक मिल सके और भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद न हो।
वंशावली का क्या है महत्व:
वंशावली वह दस्तावेज़ है, जो एक परिवार की पीढ़ियों का रिकॉर्ड प्रस्तुत करता है। यह भूमि के वास्तविक मालिक की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब भूमि पर किसी रैयत का हक होता है, तो उसकी वंशावली यह प्रमाणित करती है कि वह भूमि उसके परिवार की है। यदि किसी रैयत ने अपनी भूमि का बंटवारा किया है या भूमि की खरीद-बिक्री की है, तो यह जानकारी भी वंशावली में होगी, जिससे भूमि के हकदारों का निर्धारण आसान होगा।
सर्वेक्षण टीम की कार्यवाही:
सरकारी सर्वेक्षण टीम अब रैयतों की भूमि का सर्वेक्षण कर रही है, जिसमें सरकारी जमीन के साथ-साथ रैयतों की जमीन की भी पूरी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस दौरान हर रैयत से उनके भूमि से संबंधित सभी कागजात की मांग की जा रही है, जिनमें वंशावली प्रमुख है। इससे न केवल भूमि के असली मालिक का पता चलेगा, बल्कि जमीन के बंटवारे और खरीद-बिक्री से जुड़ी सभी जानकारी भी दर्ज की जाएगी, जो भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में मददगार साबित होगी।
रैयतों से की गई अपील:
विभाग के पदाधिकारी और कर्मचारी रैयतों से अपील कर रहे हैं कि वे अपना वंशावली दस्तावेज़ और अन्य संबंधित कागजात जैसे रजिस्ट्री, बिक्री-ऋण पत्र, और बंटवारे के प्रमाण प्रस्तुत करें। इन दस्तावेज़ों की मदद से ही भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया सही तरीके से पूरी की जा सकेगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि रैयत समय पर वंशावली और अन्य कागजात नहीं जमा करेंगे तो उनकी भूमि का सही रिकॉर्ड तैयार नहीं किया जा सकेगा।
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