सरकार ने सामान्य वर्ग के किसानों को 70 प्रतिशत और अनुसूचित जाति के किसानों को 90 प्रतिशत तक अनुदान देने का ऐलान किया है। इस योजना का लाभ मिलने से किसानों को सिंचाई के लिए बारिश या अन्य साधनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और उनकी फसलें समय पर तैयार हो सकेंगी।
हर जिले के लिए तय हुआ लक्ष्य
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत प्रत्येक जिले के लिए अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किए हैं। इसके तहत किसानों को उनकी पात्रता के अनुसार लाभ दिया जा रहा है। योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के किसानों को बोरिंग की कुल लागत का सिर्फ 30 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के किसानों को महज 10 प्रतिशत खर्च वहन करना होगा।
आवेदन प्रक्रिया: पहले आओ-पहले पाओ
मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपने क्षेत्र के लघु सिंचाई विभाग में आवेदन करना होगा। विभागीय अफसरों के अनुसार, आवेदन के बाद स्थलीय सत्यापन कर पात्रता की जांच की जाती है और इसके बाद पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर चयन किया जाता है।
किसानों के लिए ये दस्तावेज होंगे जरूरी
आवेदन करते समय किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे: आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, खतौनी की नकल, स्वघोषणा पत्र (बयान हलफी) आदि। किसान इन दस्तावेजों के साथ किसी भी जनसेवा केंद्र से या विभाग की वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। किसी भी तरह की समस्या आने पर किसान विकास भवन स्थित लघु सिंचाई विभाग कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
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