राज्य सरकार द्वारा यह घोषणा वर्ष 2025-26 के बजट में की गई थी, जिसे अब अमल में लाया गया है। इसके तहत अब नागरिक अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को वाहन 4.0 पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकृत कर सकते हैं और कर छूट का प्रत्यक्ष लाभ उठा सकते हैं।
टैक्स में राहत का गणित
अगर कोई व्यक्ति 10 लाख रुपये की इलेक्ट्रिक कार खरीदता है, तो पहले उस पर 6 प्रतिशत टैक्स यानी 60,000 रुपये देने पड़ते थे। लेकिन अब 5 प्रतिशत की छूट के बाद टैक्स सिर्फ 1 प्रतिशत यानी 10,000 रुपये देना होगा। इस तरह खरीदार को सीधा 50,000 रुपये का फायदा मिलेगा।
बिक्री में उछाल की उम्मीद
गुजरात सरकार के इस फैसले पर ऑटोमोबाइल विशेषज्ञ कपिल भिंडी ने कहा कि राज्य में टैक्स कटौती से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में निश्चित रूप से उछाल आएगा। पहले अन्य राज्यों में टैक्स दरें कम होने के कारण गुजरात की स्थिति देश में 12वें से 15वें स्थान के बीच थी, लेकिन अब संभावना है कि गुजरात ईवी बिक्री में शीर्ष 10 राज्यों में शामिल होगा।
सब्सिडी बंद होने से आई थी गिरावट
गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने पहले दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर 25,000 रुपये और 15 लाख रुपये से कम कीमत वाली चार पहिया ईवी पर 1.50 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी थी। हालांकि, यह सब्सिडी पिछले एक वर्ष से बंद है, जिससे राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 50 प्रतिशत तक गिरावट आई है। यही कारण है कि राज्य सरकार ने टैक्स में कटौती का यह निर्णय लिया है, ताकि बाजार में फिर से उत्साह लौटे और ईवी बिक्री को बढ़ावा मिल सके।
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