भारत की GDP वृद्धि में कमी: RBI ने घटाया 6.7% से 6.5% का पूर्वानुमान!

नईदिल्ली : भारत की आर्थिक वृद्धि में कमी के संकेत सामने आ रहे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भारत की GDP वृद्धि दर के अनुमान को 6.7% से घटाकर 6.5% कर दिया है। यह कदम आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद उठाया गया है और इस बदलाव का मुख्य कारण वैश्विक व्यापार में बढ़ती अनिश्चितताएं और घरेलू नीतिगत परिवर्तन हैं।

RBI की रिपोर्ट और अनुमानों की मुख्य बातें

फरवरी में 6.7% का अनुमान जताने के बाद, आरबीआई ने अब 6.5% का नया अनुमान दिया है, जो 20 बेसिस प्वाइंट की कमी को दर्शाता है। गवर्नर ऋषि मल्होत्रा ने यह बताया कि इस अनुमान में गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक व्यापार के खतरों और घरेलू नीतिगत बदलावों के कारण आई है। उन्होंने कहा, "ग्लोबल मार्केट में चल रही हलचल और वैश्विक अनिश्चितताएं आर्थिक दृष्टिकोण को प्रभावित कर रही हैं, जिसके कारण भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार में गिरावट देखी जा सकती है।"

गवर्नर ने आगे कहा कि आरबीआई का यह अनुमान वर्तमान डेटा और संतुलित जोखिमों के आधार पर तैयार किया गया है। वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी की वृद्धि की तिमाही दरें भी अपेक्षाकृत स्थिर रहने का अनुमान है। पहले क्वार्टर में 6.5%, दूसरे क्वार्टर में 6.7%, तीसरे क्वार्टर में 6.6%, और चौथे क्वार्टर में 6.3% की वृद्धि दर रहने की संभावना है।

महंगाई और खाद्य कीमतों पर असर

महंगाई की बात करें तो आरबीआई ने हाल ही में खाद्य कीमतों में आई गिरावट का उल्लेख किया है। खासकर खाद्य महंगाई में आई कमी की वजह से उपभोक्ता कीमतों का दबाव घटा है, जिससे महंगाई को नियंत्रण में रखने में मदद मिली है। इसके अलावा, 2025 के जनवरी और फरवरी में कीमतों में स्थिरता बनाए रखने में भी खाद्य पदार्थों की आपूर्ति और बेहतर फसल योगदान देने में मददगार साबित हुई है। आरबीआई का मानना है कि आगामी महीनों में महंगाई दर में और गिरावट आ सकती है। हालांकि, वैश्विक अनिश्चितताएं और मौसम संबंधी समस्याएं महंगाई को प्रभावित कर सकती हैं।

RBI की नीतियां और आर्थिक अनिश्चितताएं

आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति में 25 बेसिस प्वाइंट की कमी करते हुए रेपो रेट को 6% कर दिया है। इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि ब्याज दरों में कमी से निवेशकों को राहत मिल सकती है और ऋण की लागत घटने से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, RBI गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए, आरबीआई भविष्य में अपनी नीतियों में जरूरी संशोधन करने के लिए तैयार रहेगा।

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