तेजस-Mk2: भारत की नई उड़ान, 2026 में भरेगा आसमान!

नई दिल्ली: भारत की स्वदेशी रक्षा शक्ति को एक और बड़ा बूस्ट मिलने वाला है। तेजस-Mk2 फाइटर जेट, जो HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) द्वारा विकसित किया जा रहा है, अब अपने पहले प्रोटोटाइप की ओर बढ़ रहा है। अगर सबकुछ योजना के अनुसार चला, तो यह अगली पीढ़ी का लड़ाकू विमान 2026 में पहली बार भारतीय आसमान में गर्जना करेगा।

एक रिपोर्ट के मुताबिक इस स्वदेसी फ्लाइट का ट्रायल्स दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच किए जाएंगे। जबकि इसकी पहली उड़ान फरवरी से मार्च 2026 में संभव है। वहीं, इसका प्रोडक्शन 2028-29 से शुरू होगा। जबकि 2029 के बाद भारतीय वायुसेना में इसकी तैनाती शुरू होगी। यानि अगले 4-5 सालों में भारतीय वायुसेना को तेजस की एक नई, ज्यादा ताकतवर और एडवांस खेप मिलने लगेगी।

तेजस-Mk2 की ताकत – क्यों है ये खास?

तेजस-Mk2 सिर्फ Mk1A का अपग्रेड नहीं है, बल्कि ये एक बड़े, ज़्यादा घातक और टेक्नोलॉजी से भरपूर प्लेटफॉर्म के रूप में सामने आ रहा है। इसमें जनरल इलेक्ट्रिक GE-F414 इंजन लगा है, जो ज्यादा थ्रस्ट, ज्यादा पावर और बेहतर परफॉर्मेंस देगा।

इस फाईटरजेंट में AESA रडार, IRST (Infra-Red Search & Track), AI आधारित वारफेयर मैनेजमेंट सिस्टम लगा हैं। तेजस-Mk1A की तुलना में Mk2 ज्यादा हथियार और ईंधन ले जा सकता है। यह एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर हर रोल में सक्षम।

 'मेक इन इंडिया' की असली उड़ान

तेजस-Mk2 केवल एक फाइटर जेट नहीं है, यह भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की उड़ान है। इसके ज़रिए न केवल वायुसेना की ताकत बढ़ेगी, बल्कि भारत डिफेंस एक्सपोर्ट्स में भी बड़ा खिलाड़ी बन सकता है। भारत अब LCA तेजस को कई देशों को एक्सपोर्ट करने की दिशा में काम कर रहा है। Mk2 की सफलता इस रास्ते को और साफ करेगी।

क्यों है Mk2 की जरूरत?

भारतीय वायुसेना के पास अब भी कई पुराने फाइटर जेट्स हैं, जैसे MiG-21, Mirage-2000 और Jaguar, जो जल्द ही रिटायर होने वाले हैं। तेजस-Mk2 उन्हें रिप्लेस करने के लिए बिल्कुल सही टाइम पर आ रहा है। यह भारत की बढ़ती ताकत का प्रतीक बनेगा।

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