S-400 के खरीदार देश
1 .रूस: रूस खुद S-400 सिस्टम का सबसे बड़ा ऑपरेटर है और इसका इस्तेमाल अपने घरेलू सुरक्षा उद्देश्यों के लिए करता है।
2 .चीन: चीन ने सबसे पहले S-400 सिस्टम को खरीदा था। रूस और चीन के बीच इस सिस्टम को लेकर 2014 में एक समझौता हुआ था, और 2018 में इसकी डिलीवरी शुरू हो गई थी। चीन इसे अपनी वायु सुरक्षा के लिए इस्तेमाल कर रहा है और इसकी क्षमता को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
3 .भारत: भारत ने रूस से S-400 सिस्टम को 2018 में खरीदा था। भारत और रूस के बीच यह सौदा काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत अपनी वायु रक्षा को मजबूत करने के लिए इस तकनीकी प्रणाली का इस्तेमाल कर रहा है। भारत ने 5 S-400 रेजिमेंट्स को खरीदने का अनुबंध किया है।
4 .तुर्की: तुर्की ने 2017 में S-400 की खरीदारी की थी, और यह सिस्टम 2019 में तुर्की को मिला। तुर्की के लिए यह सौदा विवादास्पद रहा, खासकर अमेरिका के साथ इसके रिश्तों को लेकर, क्योंकि अमेरिकी सैन्य प्रणाली से अलग रूस से S-400 खरीदने के कारण तनाव पैदा हुआ।
5 .बेलारूस: बेलारूस ने भी S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदी है। यह सिस्टम बेलारूस की वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के उद्देश्य से तैनात किया गया है।
6 .अल्जीरिया: अल्जीरिया ने भी S-400 का सौदा किया है, और यह सिस्टम वर्तमान में देश की वायु रक्षा के लिए काम कर रहा है।
S-400 खरीदने में रुचि दिखाने वाले अन्य देश
S-400 की तकनीकी क्षमताएं और प्रभावशीलता ने कई देशों को इसे खरीदने की ओर आकर्षित किया है। निम्नलिखित देश इस मिसाइल सिस्टम को खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं: कतर, मिस्र, मोरक्को, वियतनाम, इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), बांगलादेश, रूस से S-400 खरीदने पर विचार कर रहा है।
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