भारत: ‘आकाश’ से लेकर ‘S-400’ तक
भारत ने पिछले एक दशक में अपनी हवाई सुरक्षा को लेकर जबरदस्त निवेश और विकास किया है। भारत की एयर डिफेंस स्ट्रैटेजी ‘मल्टी लेयर प्रोटेक्शन’ पर आधारित है – यानी दुश्मन की मिसाइल चाहे 10 किलोमीटर दूर हो या 400 किलोमीटर, जवाब तैयार है।
1 .S-400 ट्रायम्फ (रूस से आयातित): भारत की हवाई ढाल का सबसे घातक हथियार हैं। यह 400 किलोमीटर दूर तक दुश्मन के फाइटर जेट, ड्रोन, क्रूज़ या बैलिस्टिक मिसाइल को हवा में ही ध्वस्त कर सकता है।
2 .आकाश मिसाइल सिस्टम (स्वदेशी): 30 किलोमीटर तक की रेंज वाली यह एयर डिफेंस सिस्टम भारतीय सेना और वायुसेना दोनों की रीढ़ बन चुकी है।
3 .बराक-8 (भारत-इज़राइल का संयुक्त प्रोजेक्ट): मीडियम रेंज में यह सिस्टम दुश्मन के किसी भी हवाई खतरे को पल भर में खत्म कर सकता है।
पाकिस्तान: चीन की टेक्नोलॉजी पर निर्भर
पाकिस्तान का एयर डिफेंस नेटवर्क तुलनात्मक रूप से सीमित जरूर है, लेकिन वह चीन की मदद से तेजी से अपग्रेड हो रहा है।
1 .LY-80 एयर डिफेंस सिस्टम: मध्यम दूरी का यह सिस्टम चीन से आयातित है, और लगभग 40 किलोमीटर तक की दूरी तक टारगेट को ट्रैक और इंटरसेप्ट कर सकता है।
2 .FM-90 और HQ-9 (रिपोर्टेड): शॉर्ट रेंज के लिए FM-90 और लंबी दूरी के लिए HQ-9 जैसे सिस्टम्स की तैनाती की जा रही है, लेकिन इनकी संख्या और प्रभाव को लेकर पक्की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
3 .AEW&C एयरक्राफ्ट और रडार सिस्टम्स: पाकिस्तान ने निगरानी और शुरुआती चेतावनी के लिए कुछ एयरबोर्न सिस्टम्स शामिल किए हैं, लेकिन ये भारत की तरह बहुस्तरीय कवरेज नहीं दे पाते।
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